- गंभीर हालत में पैदल पहुंचे घर
- पीडित ने की शिकायत
आष्टी-श. कोरोनामुक्त हुए मरिज को घर छोडने के लिए सावंगी के अस्पताल से एम्बूलन्स निकली़ परंतु मरिज को घर तक छोडने की बजाए आधिरात गांव के बसस्थानक पर अकेले छोड एम्बूलन्स वापिस लौट गई़ पश्चात मरिज को गंभीर हालत में 500 मीटर तक की दूरी पैदल ही तय करनी पडी़ उक्त गंभीर मामला तहसील के माणिकवाडा में सामने आया़ इस संबंध में पीडित ने तहसील स्वास्थ्य अधिकारी से शिकायत कर न्याय की अपील की है़
बता दे कि, माणिकवाडा निवासी 48 वर्षिय व्यक्ती कोरोनाबाधित निकलने से उसे 29 अगस्त को कारंजा ग्रामीण अस्पताल में लाया गया़ पश्चात उसे सावंगी के अस्पताल में रेफर कर दिया़ जहां 10 सितम्बर तक चले ईलाज के बाद कोरोना मुक्त होने की जानकारी दी गई़ पश्चात उसे 11 सितम्बर को एम्बूलन्स से माणिकवाडा के लिए रवाना कर दिया़ नियमानुसार मरिज को उसके घर तक पहुंचाना अनिवार्य है़ परंतु रात्रि 11.30 बजे चालक ने मरिज को गांव के बसस्थानक पर छोड दिया व एम्बुलन्स लेकर वापिस लौट गया़ मरिज ने उसी अवस्था में अपने घर तक 500 मीटर की दूरी पैदल काटी़ घर पहुंचने के बाद उनकी तबियत पुन: बिघडने की बात शिकायत में कही गई़ इतना ही नहीं तो घर लौटने के बाद से स्वास्थ्य प्रशासन का कोई कर्मी उन्हें देखने के लिए नहीं पहुंचा, ऐसा भी आरोप उन्होंने किया़ इस प्रकार की लापरवाही करनेवालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग पीडित ने की है़
हो रही जांच : एम्बुलन्स के जिला समन्वयक से संपर्क कर जानकारी मांगी गई है़ वहीं मरिज गांव पहुंचते ही दूसरे दिन स्वास्थ्य कर्मी उनके यहां पहुंचे थे़ स्वास्थ्यजांच भी की गई़ इस संबंध में आगे की जांच चल रही है.
डा़ स्नेहल कासारे (तहसील स्वास्थ्य अधिकारी, आष्टी)
हो रही जांच : एम्बुलन्स के जिला समन्वयक से संपर्क कर जानकारी मांगी गई है़ वहीं मरिज गांव पहुंचते ही दूसरे दिन स्वास्थ्य कर्मी उनके यहां पहुंचे थे़ स्वास्थ्यजांच भी की गई़ इस संबंध में आगे की जांच चल रही है.