वर्धा. कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट संकट की संभावना स्वास्थ्य विभाग की ओर से जताई जा रही है़ इससे बचने के लिए अभी से राज्य सरकार की ओर से उपाय योजना के तौर पर कड़े नियम लागू किए़ निरंतर दूसरे वर्ष जिले के विठ्टल भक्त पंढरपुर की वारी में नहीं जा सके़ परिणामवश राज्य परिवहन निगम की पंढरपुर वारी स्पेशल बसें इस वर्ष नहीं दौड़ सकी़ इसमें एसटी को 25 लाख रुपए का घाटा हुआ है़ पिछले डेढ़ वर्ष से कोरोना महामारी ने देशभर में हाहाकार मचाया़ अभी-अभी कोरोना की दूसरी लहर समाप्त हुई़ इस लहर की अनेक घटनाओं से आज भी रोंगटे खड़े हो जाते है, जिसमें अनेक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी.
इस बार भी वारी जाने वाले यात्री नहीं मिले
अब कोरोना मरीजों की संख्या काफी कम है़, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने तीसरी लहर की संभावना को लेकर सतर्कता बरतने को कहा गया है़ यह लहर काफी भयानक होने की बात कहीं जा रही है़ इससे राज्य सरकार की ओर से लागू नियमों के कारण लगातार दूसरे वर्ष भी पंढरपुर की आषाढ़ी एकादशी वारी प्रभावित होने से एसटी को 25 लाख रुपए का घाटा हुआ है.
किया जाता था 50 स्पेशल बसों का नियोजन
आषाढ़ी एकादशी के 4 दिन पूर्व तथा 4 दिन बाद ऐसे 8 दिनों का नियोजन एसटी महामंडल द्वारा किया जाता था़ यात्रियों की संख्या देखते हुए वर्धा से पंढरपुर 50 स्पेशल बसे छोड़ी जाती थी़ लेकिन इस वर्ष कोरोना नियमों के चलते पंढरपुर वारी रद्द की गई़ परिणामवश बसों का परिचलन नहीं हुआ है.
हर वर्ष 10 हजार यात्री जाते थे पंढरपुर
बस से पंढरपुर जाने वाले यात्रियों की संख्या लगभग 10 हजार के आसपास रहती थी़ इससे एसटी को स्पेशल बस के माध्यम से 20 से 25 लाख रुपए की अतिरिक्त आय होती थी, लेकिन वारी रद्द होने से निरंतर दूसरे वर्ष भी एसटी को नुकसान सहना पड़ रहा है.