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    वर्धा. आंतर जिला सफर के लिये पास देने के संदर्भ में पुलिस विभाग ने बारीकी से जांच पडताल करने के कारण अनेकों की जिले के बाहर जाने की मंशा पर पानी फेर गया है. पास के लिये किये गये आवेदन में से केवल 25 प्रश व्यक्तियों को अनुमति प्राप्त हो रही है. जिससे ई-पास अनेकों के लिए निराशा का कारण बनी हुई है.

    राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण की चैन तोडने के लिये सख्त कदम उठाये है. एक जिले से दूसरे जिले में जाने के लिये ई- पास अनिवार्य  की है. सरकार के निर्णय का स्थानीय प्रशासन कडाई से पालन कर रहा है. ई पास देने की जिम्मेदारी पुलिस विभाग को सौंपी गई है.

    पुलिस अधीक्षक कार्यालय की ओर ऑनलाईन आवेदन कर पास लेना अनिवार्य है. जिसके बाद ही जिले के बाहर जाने के अनुमति है. बैगरे पास जिले में कोई नही आये इसके लिये पुलिस व प्रशासन ने चेक पोस्ट बनाये है. जिससे बिना अनुमति अन्य जिले में जानेवालों पर रोक लगी है.

    पास के लिये ऑनलाईन आवेदन करते समय कोविड जांच के साथ काम के संदर्भ पुख्ता कागजात जोडना आवश्यक है. आवेदन प्राप्त होने के उपरांत पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आवेदन की जांच जाती है. संपूर्ण जांच पडताल के बाद उस व्यक्ति को जिले के बाहर जाने के लिये अनुमति दी जाती है.

    4554 आवेदन प्राप्त

    नियम के उपरांत पुलिस विभाग की और 4554 आवेदन प्राप्त हुए है. इन आवेदनों की जांच पडताल करने के बाद केवल 1186 व्यक्तियों को जिले के बाहर जाने के लिये अनुमति दी गई है. आवेदन की तुलना में केवल 25 प्रश व्यक्तियों को अनुमति मिली है.

    कागजातों में खामिया

    ऑनलाईन आवेदन के साथ जोडे गये कागजातों में भारी खामीयां  पाई गई है.अनुमति के लिये जोडे गये कागजात देखकर पुलिस अधिकारी भी हैरान हुए थे.किसी ने बच्चे की केजी वन परीक्षा के लिये उसे लेकर जाना है. तो किसी ने मार्कलिस्ट का बहाना बताया. कुछ आवेदन के साथ एक साल पहले के कोरोना टेस्ट रिपोर्ट जोडने की बात भी सामने आयी.

    महत्वपुर्ण कामों के लिये ही अनुमति

    पास के लिये जोडे गये कागजातों की जांच की जाती है. किस काम के लिये जिले से बाहर जा रहे है.इसकी पुरी जांच पडताल की जाती है. महत्वपुर्ण व स्वास्थ्य सुविधा से  कार्य जुडा होने पर ही अनुमति दी जाती है. जांच के दौरान अनेक व्यक्तियों ने बेवजह पास के लिये आवेदन करने की बात सामने आयी है.

    -निलेश ब्राम्हणे, पुलिस निरीक्षक अपराध शाखा