एसडीओ आदेश : सीओ बने एक ही चौराहे के मुखिया

  • आदेश से मची खलबली, अधिकारों पर लगा अंकुश

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वर्धा. कोरोना की दूसरी लहर के मद्देनजर प्रशासन एक्शन मुड में आ गया है़ किन्तु एसडीओ द्वारा निकाले गए एक आदेश से आश्चर्य व्यक्त हो रहा है़ नप के मुख्याधिकारी शहर के मुखिया होने के बावजुद उन्हें मात्र एक चौराहे तक ही सिमित रखा गया है़ इससे उनके अधिकारों का हनन होने की बात सामने आयी है़ इस आदेश से एसडीओ पुन: एक बार चर्चा में आ गए है.

त्यौहारो को देखते हुए कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलने की आशंका बढ गई है़ संक्रमण रोकने के लिए प्रशासनिक स्तर पर उपाययोजना की जा रही है़ जिलाधिकारी के कक्ष में आयोजित सभा में दिये गए निर्देशों के तहत अनेक अधिकारियों की शहर के चौराहो पर ड्यूटी लगायी गई है़  किन्तु यह आदेश एसडीओ सुरेश बगले द्वारा 30 अक्टूबर को निकाला गया़ शहर व आसपडोस के कुल 13 चौराहे की जिम्मेदारी अलग अलग अधिकारियों को सौंपी गई़ किन्तु दो अधिकारियों को दी गई जिम्मेदारी चर्चा का विषय बन गई है.

तहसीलदार संजय नागटिलक को बजाज चौराहा तथा नप के मुख्याधिकारी विपीन पालीवाल को आर्वी नाका चौराहे की जिम्मेदारी सौंपी गई है़ शनिवार व रविवार को शाम 6 बजे से रात्रि 8.30 बजे तक चौराहे पर दोनो अधिकारियों को डटे रहकर मास्क न लगानेवालों के खिलाफ कार्रवाई करनी है़ उल्लेखनिय है कि, मुख्याधिकारी शहर के प्रमुख अधिकारी होते है़ उनके ही मार्गदर्शन में शहर की सभी व्यवस्था की देखरेख होती है़ बावजुद इसके एसडीओ के आदेश के कारण उन्हें पुरे शहर की जिम्मेदारी न देते हुए एक चौराहे की जिम्मेदारी सौंपी गई है़ नप में मुख्याधिकारी के अधिनस्त अन्य अधिकारी भी कार्यरत है़ उन्हें यह जिम्मेदारी सौंप कर सभी जगह का अवलोकन करने का कार्य सीओ को सौंपना आवश्यक था़ किन्तु ऐसा न होते हुए उनके अधिकारों का हनन किया गया है. 

इसमें कोई गैर नहीं – जिलाधिकारी

एसडीओ द्वारा जारी किये गए आदेश में कोई गैर नहीं.केवल कनिष्ठ कर्मचारी ही सडक पर उतरकर कार्रवाई करते है़ किन्तु वरिष्ठ अधिकारी भी सडक पर उतरने के कारण लोगों को कार्रवाई का महत्व समझेगा़ मैं तथा एसपी भी स्वयं सडक पर उतरें थे़ संक्रमन से नागरिकों को बचाने के लिए प्रशासन ने यह कार्रवाई आरंभ की है़ मुख्याधिकारी अन्य जगह भी जाकर देख सकते है. 

– विवेक भीमनवार, जिलाधिकारी – वर्धा