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वर्धा़. राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छात्रों की गुणवत्ता बनाएं रखने के लिए विश्वविद्यालय ने सभी पाठ्यक्रम की परीक्षाएं लेनी चाहिए़ कोविड-19 महामारी के कारण विद्यापीठ ने परीक्षाएं रद्द की थी़ अब 1,2 माह के पश्चात परीक्षा लेकर उसके पश्चात नया शैक्षणिक सत्र शुरू करना चाहिए़ परीक्षा से ही छात्रों की गुणवत्ता कायम रहेगी़ अब कोविड-19 के संक्रमण से परीक्षा लेना संभव नही होने पर भी जब स्थिति पूर्ववत होगी तब परीक्षा लेनी चाहिए़ उपरोक्त मांग को लेकर शंकरप्रसाद अग्निहोत्री ने राज्यपाल, विद्यापीठ अनुदान आयोग व कुलगुरू को पत्र भेजा है़ पदवी की केवल अंतिम वर्ष की परीक्षा होने की बात उच्च व तंत्र शिक्षण मंत्री उदय सामंत ने कही है़ बचे सभी विषयों के औसत अंक निकालकर नई कक्षा में प्रवेश मिलेगा़ अनुत्तीर्ण विषय अगले परीक्षा में निकलने चाहिए तथा ऐच्छिक परीक्षा देने के लिए मंजूरी दी है़. विवि अनुदान आयोग के निर्देश के तहत सभी निर्णय लेने की बात सामंत ने स्पष्ट की है़ सरकार ने राज्यपाल, विद्यापीठ अनुदान आयोग, कुलगुरू के कार्य में दबावतंत्र का इस्तेमाल कर हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए़ अनेक स्कूलें व महाविद्यालय अपने छात्रों का ज्ञान का मूल्यांकन अलग-अलग परीक्षा द्वारा करते हैं, यह एक सामान्य पद्धत है़

सर्वांगीण विकास में इम्तेहान जरूरी
परीक्षा से छात्रों में स्पर्धा बढ़ती है, जिससे छात्रों का ज्ञान व कौशल विकास सुधरता है़ परीक्षा यह व्यक्ति की क्षमता, ज्ञान व क्षमता पर निर्भर है़ एखाद व्यक्ति ने सिखने का कौनसा मानक प्राप्त किया़ यह सिद्ध कर अनुशासन का पता लगता है़ समय व्यवस्थापन, अध्ययन कौशल व सर्वांगीण विकास के लिए परीक्षा आवश्यक है़