वर्धा. गत कई महीनों से वर्धा-रसूलाबाद मार्ग से सटे खड़े 20 से 25 वर्ष पुराने वृक्षों की धड़ल्ले से कटाई हो रही है़ खुलेआम बड़े बड़े वृक्ष काटे जा रहे हैं, बावजूद इसके वनविभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा हुआ है़ इस ओर गंभीरता ध्यान देकर वृक्ष कटाई करनेवालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग वृक्षप्रेमियों ने की है.
शराब बनाने लगती लकड़ियां
जिले के पुलगांव पुलिस थाना अंतर्गत आनेवाले वायफड पारधी बेड़े पर धड़ल्ले से गावठी शराब की बिक्री होती है़ यहां की शराब पीकर कइयों ने अपनी जान गवाने की जानकारी है़ परिसर में शराब की भट्टियां चलाने के लिए लकड़ियों की जरुरत होती है़ परिणामवश इस मार्ग व खेत परिसर के पेड़ों की कटाई की जाती है़ गत कुछ महीनो से वर्धा-रसुलाबाद मार्ग धामनगांव वाठोडा, आमला सहित अन्य परिसर में दिनदहाड़े 20 से 25 वर्ष पुराने वृक्ष काट दिये गए है़.
भलेही यह क्षेत्र आरक्षित वनक्षेत्र नहीं है़ परंतु मार्ग से सटे गर्मी में छाव देनेवाले बड़े वृक्ष काट दिये जाने के कारण परिसर के नागरिक असंतोष व्यक्त कर रहे है़ं कड़वे नीम, बबूल व हिवर आदि प्रजातियों के पुराने वृक्षों की संख्या यहां अधिक है़ परंतु इन वृक्षों को खुलेआम काटा जा रहा है़ इसका उपयोग शराब की भट्टी चलाने के लिए होता है़ परिसर में अनेक मकानों के सामने लकड़ियों के ढेर लगे हुए है़ं परंतु इस ओर वनविभाग पुर्णत: अनदेखी कर रहा है़ क्षेत्र में पुराने वृक्ष नामशेष होने की कगार पर है़ं इस ओर गंभीरता से ध्यान देने की मांग वृक्षप्रेमी कर रहे.
नाम के लिए कार्रवाई
वायफड पारधी बेड़े पर धड़ल्ले से शराब बेची जाती है़ केवल नाम के लिए यहां कार्रवाई की जाती है़ कुछ माह पहले शराब बिक्री की शिकायत गृह मंत्रालय तक पहुंची थी़ निर्देश प्राप्त होने पर पुलिस व वनविभाग ने संयुक्त कार्रवाई को अंजाम दिया़ उस समय लाखों रुपयों का लकड़ा वनविभाग ने जब्त किया था तथा कुछ शराब बिक्रेताओं पर नाममात्र कार्रवाई हुई थी़ इसके बाद प्रकरण आगे नहीं बढ़ पाया.