Granthasampada, Wardha

  • वाचनालय शुरू करने अनुमति नहीं, 15 से शुरू होने के आसार

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वर्धा. राज्य सरकार द्वारा सोमवार से लाकडाउन के नियमों में फिर से ढिलाई दी गई है़ इसके बाद जिला प्रशासन की ओर से जारी किए आदेश में मार्केट का समय बढ़ाने के साथ ही शादी समारोह व अन्य कार्यक्रमों के लिए रियायत दी जा रही है़ वहीं वाचनालय शुरू करने के बारे में निर्देश नहीं दिए गए़ लगातार वाचनालय बंद रहने से ग्रंथसंपदा को दीमक लगने का खतरा निर्माण हो गया है, जिससे संगठनों द्वारा वाचनालय शुरू करने की मांग उठ रही है.

महात्मा गांधी की कर्मभूमि वर्धा जिले को विचारवंतों की धरोहर प्राप्त है़ इससे नियमित रूप से वाचनालयों में जानेवाले केवल विद्यार्थी ही नहीं तो अन्य लोगों की संख्या भी काफी बड़ी है़ यह वर्ग विभिन्न साहित्यिक संगठनों से जुड़े है़ं देशभर से साहित्यकार, विचारवंत शहर में महात्मा गांधी, विनोबा भावे के जीवन पर अध्ययन करने आते है़ वर्धा शहर के वाचनालयों में प्राचीण ग्रंथसंपदा को संजोया गया है, लेकिन कोरोना के चलते वाचनालय बंद है़ पाबंदियों के कारण कर्मचारी वाचनालयों में जाकर ध्यान तो रख रहे है़ फिर भी बंद की वजह से दीमक का खतरा निर्माण होने से बहुमूल्य ग्रंथसंपदा नष्ट होने की कगार पर है.

जिले में छोटे-बड़े 114 ग्रंथालयों का समावेश  

जिले में छोटे तथा बड़े इस प्रकार कुल 114 वाचनालय है़  इनमें से कई वाचनालयों की स्थापना स्वतंत्रता प्राप्ति के पूर्व हुई है़  वहीं कालेजों के वाचनालयों की संख्या भी काफी बड़ी है़  शहर का गांधी ज्ञान मंदिर तथा सार्वजनिक वाचनालय में प्रख्यात साहित्यकारों ने भेंट भी दी है़  इन वाचनालयों में लाखों की संख्या में बहुमूल्य ग्रंथसंपदा है.  

कर्मचारियों पर आर्थिक संकट की मार 

लाकडाउन के कारण वाचनालय बंद रहने से सरकारी अनुदान भी प्राप्त नहीं हुआ, जिससे 250 से ज्यादा कर्मचारियों को नियमित रूप से वेतन नहीं मिल रहा है़  लाइब्ररी कर्मचारी संगठन लगातार सरकार से अपनी मांगे रख रही है़  अनुदान नियमित रूप से प्रदान कर कर्मचारियों पर निर्माण संकट दूर करने की जरूरत है. 

ग्रंथालय शुरू कराने सरकार से करेंगे अपील

सरकार द्वारा 15 जून से वाचनालयों को अनुमति देने के संकेत दिए गए थे़  लगातार वाचनालय बंद रहने से किताबों को दीकम लगने का खतरा है, जिससे बहुमूल्य ग्रंथसंपदा खतरे में है़  अनलॉक के इस दौर में जल्द से जल्द वाचनालय शुरू हो, इस उद्देश्य से सरकार से पत्रव्यवहार के जरिए अपील की जाएगी.  

-गजानन कोटेवार, प्रमुख कार्यवाह-महाराष्ट्र राज्य ग्रंथालय संघ.