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  • एक गुट ने सराहा तो अन्यों ने जताई आपत्ती
  • एक संगठन ने सौंपा था एसडीओ को निवेदन, अनेकों ने जताया विरोध

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वर्धा. दुकाने खुली रखने के समयवधी के संदर्भ में एक संगठन ने एसडीओ को ज्ञापन देने के बाद स्थानीय व्यापारियों में दो गुट उभरकर सामने आये है. एक गुट ने इस निर्णय की पैरवी की हैं तो, दुसरे गुट ने ज्ञापन पर आपत्ती जताकर इसका विरोध करने की जानकारी है. जिससे व्यापारी वर्ग समयसिमा को लेकर दो गुटों में बट गया है.

बता दे कि, कोरोना संक्रमन के चलते सरकार ने लॉकडाउन घोषीत किया था. अनलॉक 1 में व्यापार क्षेत्र को बडी राहत दी गई थी. किंतु सरकार ने समयसिमा तय करने के कारण दुकानों में भीड उमड रही थी. जिससे दुकान बंद करने का समय बढाने की मांग समुचे राज्य में की जा रही थी. जनता व व्यापारियों के सुझाव के मद्देनजर सरकार ने अनलॉक 2 में दुकान खोलने का समय सुबह 9 बजे तथा बंद करने का समय शाम 7 बजे किया था. किंतु 10 जुलाई को वर्धा डिस्ट्रीक चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंड्रस्टिज ने उपविभागीय अधिकारी सुरेश बगले, जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को निवेदन देकर दुकान बंद करने का समय शाम 5 बजे ही करने के लिये कहा था. संगठन ने दुकान का समय कम रहने के कारण कई वर्षों बाद व्यापारी परिवार के लिये समय देने की बात कही थी. शाम 5 बजे के बाद दुकान शुरू रखनेवाले दुकानदारों पर प्रशासन कार्रवाई करें, ऐसा भी ज्ञापन में कहां गया था. इस ज्ञापन के बाद अनेक व्यापरियों ने अपनी नाराजगी जताकर अभी दिया गया समय उचित होने की बात कही थी. किंतु अनेक व्यापरियों का कहना था की, 5 बजे दुकाने बंद होने के कारण छोटे कारोबारी व जनता को असुविधा होगी. इससे समय 7 बजे तक ही रखा जाये. जिन्हे आपत्ती है वें अपनी दुकान 5 बजे बंद कर सकते है. इस संबंध में व्यापरियों में एकमत नहीं हो पाया. कार्रवाई के सुझाव को लेकर तीव्र नाराजगी व्यक्त की गई.इस ज्ञापन को लेकर व्यापारियों में असमंजस्य की स्थिती बनी हुई है.

कुछ व्यक्ती निर्णय नहीं थोप सकते – इद्रिस मेमन
व्यापारी संगठन के सचिव इद्रिस मेमन ने कहां कि, व्यापरियों के संदर्भ में निर्णय एकमत से होना चाहिएं. कुछ व्यक्ती अपना निर्णय नहीं थोप सकते. सरकार व प्रशासन ने दिया हुआ समय उचित है. उसका हम सन्मान करते है. समय कम कर उल्लंघन करनेवाले दुकानदार पर कार्रवाई करने का सुझाव देना गलत है. व्यापारियों के अहित की बात कोई संगठन कैसे कर सकता है. उक्त संगठन अधिकृत नहीं होने की बात मेमन ने कही.

जनता के हित में दिया ज्ञापन – मिलन गांधी
वर्धा डिस्ट्रीक चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंड्रस्टिज के व्यापारी प्रतिनिधी मिलन गांधी ने कहां कि, हमारा सुझाव जनता के हित में है. कोरोना संक्रमन बारीश के दिनों में तेजी से फैल सकता है. जिससे हमने यह सुझाव दिया. हमारे सुझाव पर अंतिम निर्णय प्रशासन लेगा. उनका फैसला हम सभी व्यापरियों के लिये अंतिम रहेगा. केवल कुछ गिने चुने व्यापारी इसका विरोध कर रहे है, ऐसा गांधी ने कहां.