Eid Celebration at Home

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    आसेगांव. मंगरूलपीर तहसील के ग्राम आसेगांव में भी मुस्लिम बंधुओं ने सरकारी आदेश की गाइड लाइन का सख्ती से पालन करते हुए अपने अपने घरों में ईद उल अजहा बकरीद की पाक पवित्र नमाज अदा कर ईद का पावन पर्व मनाया. इतना ही नही एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से ही मुबारकबाद देने का कार्य किया. 

    इस्लाम धर्म में दो महत्वपूर्ण त्यौहारों में रमजान ईद व ईद उल अजहा बकरीद ईद को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इन ईद को मनाने के लिए हर मुस्लिम महिला, पुरुष, बालक व बालिकाएं नए कपड़ों की खरीददारी कर ईद को बड़े ही उत्साह से मनाते है. लेकिन बीते दो वर्षों से देश में फैले कोरोना संक्रमण के कारण सरकार द्वारा निकाली गई गाइड लाइन को गंभीरतापूर्वक ध्यान में रखकर ईद का त्यौहार बड़े ही सादगी से मनाने की परंपरा मुस्लिम बंधुओं ने अपनाने का कार्य किया है.

    ईद की पवित्र नमाज जो ईदगाह पर अदा की जाती है़  उन नमाज को भी अपने घरों में ही रहकर अदा की गई. ईद उल अजहा बकरीद की नमाज भी घरों में अदा कर ईद का त्यौहार मनाया. इतना ही नही हिंदू भाइयों ने भी अपने मुस्लिम मित्रों को ईद की शुभकामनाएं मोबाइल के माध्यम से देने का कार्य किया. देश से महंगाई का साया हटे कोरोना काल की जल्द समाप्ति हो, और अमन शांति बनी रहे, इस के लिए भी विशेष दुआएं मांगी.

    दो वर्षों से ईदगाहों पर नमाज अदा करने का लगा प्रतिबंध 

    कोरोना काल के पहले वर्ष में ईदगाहों पर अदा की जाने वाली पाक नमाज को अदा करने पर संक्रमण ना बड़े इस उद्देश्य से सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाया गया. जिस वजह से मुस्लिम बंधुओं द्वारा घरों में नमाज अदा की जा रही है. इसी कारण ईदगाहों पर ईद वाले दिन भी किसी तरह की कोई चहल पहल ना रहने से सन्नाटा दिखाई दे रहा है. 

    छोटे बालकों की खुशियों पर भी लगा विराम 

    रमजान ईद हो या बकरीद ईद का त्यौहार दोनों ही त्यौहारों को मनाने के लिए विशेषकर समुदाय के छोटे बालक व बालिकाएं हर वर्ष आकर्षण का केंद्र बने रहते थे. किंतु कोरोना काल व बढ़ती हुई महंगाई ने छोटे बालकों की ईद की खुशियों पर विराम लगाने का कार्य किया है.