बेरूत विस्फोट: मलबे में और शव मिले

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बेरूत: बेरूत में हुए भीषण विस्फोट के तीन दिन बाद भी बचावकर्ताओं के दल शवों की तलाश के लिए शुक्रवार को मलबा खंगालते रहे। इस घटना में करीब 150 लोगों की जान चली गई है और हजारों जख्मी हो गए हैं तथा शहर में बड़े पैमाने पर तबाही मची है। अधिकारियों के मुताबिक, बीते 24 घंटे में कम से कम तीन शव बरामद किए गए, जिसके बाद मृतकों की संख्या 149 हो गई। विस्फोट ने अनाज के बड़े गोदाम को तबाह कर दिया और बंदरगाह के इलाकों में तबाही मचाई। शहर के कई इलाकों में शीशा और मलबा बिखरा है। फ्रांस और रूस के बचाव दल खोजी कुत्तों के साथ शुक्रवार को बंदरगाह में खोज अभियान चला रहे थे। इससे एक दिन पहले फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने घटनास्थल का दौरा किया था और सहायता का वादा किया था। यह विस्फोट 2750 टन एमोनियम नाइट्रेट में हुआ था।

विस्फोटक और उर्वरक के काम में आने वाले रसायन को 2013 में एक पोत से जब्त किया गया था और तभी से यह बंदरगाह पर रखा हुआ था। विस्फोट के बाद सरकार ने जांच शुरू कर दी है। वहीं सरकार की जबर्दस्त आलोचना भी हो रही। कई देशवासी घटना के लिए लापरवाही और भ्रष्टाचार को कसूरवार ठहरा रहे हैं। विस्फोट के पीड़ितों का पता लगाने में मदद के लिए कई देशों ने खोज एवं बचाव दल भेजे हैं। अनाज गोदाम के पास मलबे में मिले लोगों में जोई अकीकी भी शामिल हैं। 23 वर्षीय अकीकी बंदरगाह के कर्मी हैं और विस्फोट के बाद से ही लापता थे। दर्जनों लोग अब भी लापता हैं।

बेरूत के करीब तीन लाख लोग अपने घर नहीं लौट पा रहे हैं, क्योंकि विस्फोट के कारण उनके घरों के दरवाजे-खिड़कियां उड़ गईं। कई इमारतें रहने लायक नहीं हैं। अधिकारियों ने 10 से 15 अरब अमेरिकी डॉलर के नुकसान का अंदाजा लगाया है। अस्पताल पहले से ही कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहे थे। वे अब घायलों ने निपटने में संघर्ष कर रहे हैं। जांच बंदरगाह तथा सीमा शुल्क विभाग पर केंद्रित है। 16 कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया है तथा अन्य से पूछताछ की गई है। (एजेंसी)