US allows families of US personnel from their embassy to leave Nepal, decision after rising Corona cases
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लंदन: बच्चों में सामने आ रही कोरोना वायरस से जुड़ी एक नई बीमारी का संबंध रोग प्रतिरोधक प्रणाली की श्वेत रक्त कोशिकाओं में महत्वपूर्ण बदलावों से है। यह बात एक अध्ययन में कही गई है जिससे चिकित्सकों को अपने बाल रोगियों की स्थिति के बेहतर आकलन और वर्तमान उपचारों के प्रति उनकी प्रतिक्रिया का बेहतर आकलन करने में मदद मिल सकती है। ‘पीडियाट्रिक इन्फ्लेमेटरी मल्टीसिस्टम सिंड्रोम’ (पीआईएमएस-टीएस) नाम की यह नई बीमारी सार्स-कोव-2 से अस्थायी रूप से जुड़ी है जिसके कुछ लक्षण कावासाकी बीमारी जैसे हैं जिसमें रक्तवाहिकाओं में सूजन आ जाती है। यह बीमारी ज्यादातर पांच साल से कम उम्र के बच्चों में होती है।

अनुसंधानकर्ताओं ने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान बर्मिंघम चिल्ड्रंस हॉस्पिटल में भर्ती इस बीमारी से पीड़ित बच्चों के रक्त के नमूनों का परीक्षण किया। यह अध्ययन बर्मिंघम विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं के नेतृत्व में किया गया। इसमें पाया गया कि बीमारी का संबंध ‘मोनोसाइट्स’ में बड़े बदलावों से है। ‘मोनोसाइट्स’ रोग प्रतिरोधक श्वेत रक्त कोशिकाओं का एक प्रकार हैं। अध्ययन में शामिल अनुसंधानकर्ता ग्राहम टेलर ने कहा, ‘‘हमारे अध्ययन में पहली बार यह खुलासा हुआ है कि कावासाकी बीमारी और पीआईएमएस-टीएस दोनों का ही संबंध मोनोसाइट्स की संख्या में बड़े बदलाव और उनकी आनुवंशिक आकृति से है।” (एजेंसी)