Central government will provide 75% free COVID vaccine to the states
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संयुक्त राष्ट्र: पर्यावरण मंत्री (Environment Minister) प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javdekar) ने कहा कि कोविड-19 (Covid-19) महामारी ने यह तथ्य उजागर किया है कि प्राकृतिक संसाधनों के अनियमित दोहन के साथ ही अनियंत्रित खान-पान एवं उपभोग उस तंत्र का विनाश कर रहे हैं जिसपर मानव जीवन टिका है।

जावडे़कर ने संयुक्त राष्ट्र (United Nations) जैव विविधता शिखर सम्मेलन को बुधवार को संबोधित करते हुए कहा कि भारत (India) संरक्षण, सतत जीवन शैली और हरित विकास मॉडल के माध्यम से जलवायु कार्रवाई का हमेशा पक्षधर रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘अनादि काल से, भारत में प्रकृति के संरक्षण की ही नहीं, बल्कि प्रकृति के साथ सामंजस्य से रहने की संस्कृति है। कोविड -19 महामारी ने इस तथ्य को रेखांकित किया है कि प्राकृतिक संसाधनों के लगातार दोहन के साथ ही अनियंत्रित खान-पान एवं उपभोग उस तंत्र का विनाश कर रहे हैं जिसपर मानव जीवन टिका है।”

जावड़ेकर ने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ और ‘यूएन डेकेड ऑफ एक्शन एंड डिलेवरी फॉर सस्टेनेबल डेवल्पमेंट’ की शुरुआत के मौके पर आएं, प्रकृति को पहुंचाए गए नुकसान की भरपाई करने के मार्ग पर चलें और ‘‘प्रकृति के साथ सामंजस्य बैठाते हुए रहने के लिए कदम उठाएं।” जैव विविधता पर आयोजित पहले शिखर सम्मेलन को करीब 150 देशों और 72 राष्ट्राध्यक्षों तथा शासनाध्यक्षों ने संबोधित किया।