अमेरिका-चीन में बढ़ी तनातनी, डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी छात्रों के प्रवेश पर लगाया प्रतिबंध

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वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से संबंध रखने वाले चीन के छात्रों और शोधकर्ताओं के देश में प्रवेश पर रोक लगाने की घोषणा की है। उन्होंने अमेरिका से बौद्धिक संपदा और प्रौद्योगिकी हासिल करने के लिए स्नातक छात्रों का इस्तेमाल करने की चीन की कोशिशों को खत्म करने के लिए यह कदम उठाया है। व्यापार, कोरोना वायरस की उत्पत्ति, हांगकांग में बीजिंग की कार्रवाई और विवादित दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामक सैन्य गतिविधियों को लेकर अमेरिका और चीन में बढ़ती तनातनी के बीच ट्रम्प ने यह घोषणा की है।

इस संबंध में शुक्रवार को घोषणा करते हुए ट्रम्प ने कहा कि चीन ने अपनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के आधुनिकीकरण के लिए संवदेनशील अमेरिकी प्रौद्योगिकियों और बौद्धिक संपदा को हासिल करने के लिए व्यापक अभियान चलाया हुआ है। उन्होंने कहा कि चीन की यह गतिविधि अमेरिका की दीर्घकालीन आर्थिक शक्ति और अमेरिकी लोगों की सुरक्षा के लिए खतरा है। ट्रम्प ने आरोप लगाया कि चीन अपने कुछ छात्रों ज्यादातर परास्नातक और शोधकर्ताओं का इस्तेमाल बौद्धिक संपदा को एकत्रित करने के लिए करता है इसलिए पीएलए से जुड़े चीनी छात्रों या शोधकर्ताओं के चीनी अधिकारियों के हाथों इस्तेमाल होने का अधिक जोखिम है और यह चिंता का सबब है। उन्होंने कहा, ‘‘इसे देखते हुए मैंने फैसला किया कि अमेरिका में पढ़ाई या शोध करने के लिए ‘एफ’ या ‘जे’ वीजा मांगने वाले कुछ चीनी नागरिकों का प्रवेश अमेरिका के हितों के लिए खतरनाक होगा।” चीन ने अमेरिका में उसके छात्रों पर प्रतिबंध लगाने की ट्रम्प की धमकी को शुक्रवार को नस्लवादी बताया था। (एजेंसी)