India suggested in UN, barriers to affordable medicines have to be removed

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संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र (United Nations) महासभा के ‘वैश्विक स्वास्थ्य और विदेश नीति” (World Health and Foreign Policy) विषय पर आयोजित सत्र में भारत (India) ने कहा है कि भविष्य में किसी भी तरह की महामारियों और उनके प्रभावों से निपटने के लिए वैश्विक समुदाय द्वारा दीर्घकालिक रणनीतियां और योजनाएं बनाने की जरूरत है, इसके साथ ही कहा कि किफायती दवाओं और नई प्रौद्योगिकियों तक समान पहुंच की राह में जो बाधाएं हैं उन्हें भी दूर करना होगा।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में काउंसलर प्रतीक माथुर (Pratik Mathur) ने सोमवार को कहा कि स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय (International Community) को जांच, उपचार और टीकों (Vaccine) तक किफायती एवं समान वैश्विक पहुंच बनाने के लिए ‘एक्सिस टू कोविड-19 टूल्स एक्सिलरेटर (एसीटीए)’ और ‘कोवैक्स’ जैसे वर्तमान कार्यक्रमों का लाभ उठाना होगा।

माथुर ने कहा, ‘‘भविष्य में महामारियों से निपटने के लिए एक प्रणाली बनाने की खातिर हमें दीर्घकालिक रणनीतियां और योजनाएं बनाना होंगी।” उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी ने स्वास्थ्य प्रणालियों की व्यवस्थागत खामियों और महामारियों को रोकने में हमारी क्षमता की कमजोरियों को उजागर कर दिया है।

हमें प्रमुख कमजोरियों और खामियों को दूर करना होगा और वैश्विक समन्वय को मजबूत करना होगा ताकि भविष्य में स्वास्थ्य संबंधी कोई संकट आए तो उसके दुष्प्रभावों को रोकने के लिए दुनिया की तैयारी बेहतर हो।”

माथुर ने कहा कि दवाओं और नई प्रौद्योगिकियों तक पहुंच में जो अवरोधक हैं उन्हें दूर करना होगा, सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मियों की क्षमता बढ़ानी होगी। महासभा ने 27 दिसंबर को ‘‘महामारी का सामना करने की तैयारी संबंधी अंतरराष्ट्रीय दिवस” घोषित करने का सर्वसम्मति से फैसला लिया है।

महासभा के अध्यक्ष वोल्कन बोजकिर ने कहा कि कोविड-19 महामारी 15 लाख जिंदगियों को लील गई है तथा इससे पता चला है कि महामारी के सामाजिक-आर्थिक दुष्प्रभाव क्या होते हैं। इस सत्र में माथुर ने महासभा को बताया कि भारत ने कोविड-19 से लड़ाई में 150 से अधिक देशों को चिकित्सा समेत अन्य सहायता मुहैया करवाई है।