Political criAmidst the political crisis in Nepal, Prime Minister Oli said, 'Misunderstanding' with India has been removedsis deepens in Nepal, opposition parties move Supreme Court against decision to dissolve parliament
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    काठमांडू: नेपाली संसद (Nepal Parliament) के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में सोमवार को विश्वास प्रस्ताव पर मतदान से, राजनीतिक संकट (Political Crises) का सामना कर रहे प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (Prime Minister KP Sharma Oli) के भविष्य का फैसला होगा। इससे पहले उन्होंने पार्टी नेताओं और काडर से एकजुट होने और इस्तीफे एवं अन्य विभाजनकारी गतिविधियों में शामिल नहीं होने की अपील की।

    ओली ने यह बयान मीडिया में आई खबरों के बाद दिया जिसमें कहा गया था कि वरिष्ठ नेता माधव कुमार नेपाल और झालानाथ खनल के नेतृत्व वाला नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) का विरोधी गुट प्रतिनिधि सभा में विश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले इस्तीफे की तैयारी कर रहा है। ओली (69 वर्षीय) को 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में विश्वासमत जीतने के लिए 136 मतों की जरूरत है क्योंकि चार सदस्य इस समय निलंबित हैं।

    दि हिमालयन टाइम्स में प्रकाशित खबर के मुताबिक, नेपाल और खनल का नाम लिए बिना ओली ने कहा कि पार्टी को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों पर नेताओं द्वारा अपनी ही पार्टी को हराने और विपक्ष को फायदा पहुंचाने की कोशिश हो रही है। कुछ स्थानों पर पार्टी के सदस्यों ने अपनी ही सरकार के खिलाफ पेश विश्वास प्रस्ताव पर सदन में पाला बदल लिया है। अब वे पार्टी के सांसदों को बड़े पैमाने पर इस्तीफा देने के लिए उकसा रहे हैं।

    उन्होंने सभी सांसदों से अपील की कि वे इस तरह का फैसला नहीं लें। ओली ने कहा, ‘‘हम साथ बैठकर, चर्चा कर मौजूदा समस्या का समाधान कर सकते हैं। ओली की अपील ऐसे समय आई है जब मुख्य विपक्षी नेपाली कांग्रेस ने विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने का फैसला किया है जबकि जनता समाजवादी पार्टी-नेपाल के महतो-ठाकुर गुट ने अंतिम समय झटका देते हुए कहा कि वह तटस्थ रहेंगे और ओली के पक्ष में मतदान नहीं करेंगे जबकि पहले उसने सरकार का समर्थन करने का वादा किया था।