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वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (US President Joe Biden) को रूस (Russia) के साथ अमेरिका (America) के संबंधों में संतुलित रुख रखने की कठिन चुनौती का सामना करना पड़ा रहा है। दरअसल, बाइडन प्रशासन (Biden Administration) रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार करना चाहता है, लेकिन वह डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के दौर के बाद कूटनीतिक संबंधों की गुंजाइश भी बनाए रखना चाहता है और इसे लेकर कशमकश में हैं।

हालांकि, यह उम्मीद जताई जा रही है कि संबंध वैसे नहीं रहेंगे, जो पुतिन को ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति रहने के दौरान देखने को मिला था। बाइडन ने रूस के साथ संबंधों को नए सिरे से शुरू करने की उम्मीद नहीं छोड़ी है लेकिन उन्होंने संकेत दिया है कि शीत युद्ध के दौर के प्रतिद्वंद्वी देश के साथ मतभेदों को दूर करना चाहते हैं। घरेलू मोर्च को लेकर व्यापक एजेंडा और ईरान (Iran) एवं चीन (China) पर फैसले की जरूरत के बीच बाइडन रूस के साथ सीधे तौर पर उलझना नहीं चाहते हैं।

बाइडन, जब पहली बार पुतिन से बात करेंगे तो उनसे उम्मीद होगी कि रूस के विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी (Opposition leader Alexei Navalny) की गिरफ्तारी और सप्ताहांत में उनके समर्थकों पर कार्रवाई, साइबर सुरक्षा में रूसी एजेंसियों की घुसपैठ, अमेरिकी सैनिकों की अफगानिस्तान (Afghanistan) में हत्या के लिए तालिबान (Taliban) को इनाम की पेशकश संबंधी मीडिया में आई खबर का मुद्दा वह उठाएंगे। इसके साथ ही, बाइडन के दिमाग में उनके द्वारा ही अमेरिका-रूस हथियार नियंत्रण समझौते को पांच साल बढ़ाने का उनका ही प्रस्ताव होगा, जो फरवरी में समाप्त हो रहा है।

बाइडन ने सोमवार को पत्रकारों से कहा कि उन्होंने नवलनी के कारण उत्पन्न स्थिति पर अब तक रुख तय नहीं किया है, लेकिन उम्मीद जताई कि आपसी हित पर रूस और अमेरिका सहयोग कर सकते हैं।