Half of the $ 1.9 trillion relief package approved in the US House, every citizen will get $ 1400

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वाशिंगटन: अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी ने अपने प्रस्तावित चुनावी घोषणा पत्र में कहा कि अगर वह नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में सत्ता में आती है तो ग्रीन कार्ड पर लगी रोक को खत्म करेगी और पहले की अर्जियों का निपटारा करने के लिए कदम उठाएगी। आधिकारिक रूप से परमानेंट रेजिडेंट कार्ड (पीआरसी) के तौर पर पहचाने जाने वाला ग्रीन कार्ड अमेरिका में प्रवासियों को दिया जाने वाला ऐसा दस्तावेज है, जो धारक को देश में स्थायी रूप से रहने का अधिकार देता है।

घोषणापत्र में एच-1बी वीजा जारी करने की प्रक्रिया पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अस्थायी रोक लगाने के फैसले का विरोध किया गया है। इस चुनाव घोषणा पत्र को 2020 डेमोक्रेटिक पार्टी प्लेटफॉर्म कहा जाता है जिसे विस्कॉन्सिन में राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान इसे मंजूरी दी जायेगी । 17 से 20 अगस्त तक होने वाले इस चार दिवसीय सम्मेलन के दौरान पार्टी पूर्व उपराष्ट्रपति जो बाइडेन को तीन नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए औपचारिक रूप से पार्टी का उम्मीदवार नामित करेगी । एच-1बी वीजा पर प्रौद्योगिकी कंपनियां हर साल भारत और चीन जैसे देशों से हजारों कर्मचारियों की भर्ती करने के लिए निर्भर रहती हैं। प्रस्तावित घोषणापत्र में कहा गया है, ‘‘हम श्रम बाजार की जरूरतों के अनुसार स्थायी, रोजगार पर आधारित आव्रजन के लिए वीजा देने का समर्थन करते हैं। हम इस देश में प्रतिभाओं को आकर्षित करना और उन्हें संजोकर रखना चाहते हैं इसलिए डेमोक्रेट्स नए आव्रजकों के लिए ग्रीन कार्ड जारी करने पर ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाई रोक को खत्म करेंगे।”

90 पृष्ठों के इस प्रस्तावित घोषणापत्र में कहा गया है कि बाइडेन प्रशासन लंबित आवेदनों का निपटारा करने के लिए अवरोधकों को हटाएगा और अमेरिकी आव्रजन प्रक्रिया को तेज, अधिक प्रभावी और कम खर्च वाली बनाएगा। साथ ही इसमें कहा गया है कि डेमोक्रेट्स मुस्लिम देशों के नागरिकों के देश में प्रवेश पर लगाई ट्रंप प्रशासन के रोक को भी हटाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसा कानून लाएंगे जिससे कोई राष्ट्रपति फिर कभी ऐसा भेदभावपूर्ण प्रतिबंध लागू न कर सके।” प्रस्तावित घोषणापत्र में कहा गया है कि सत्ता में आने पर जो बाइडेन प्रशासन के नेतृत्व में अमेरिका भारत के साथ सामरिक साझेदारी में निवेश करता रहेगा। इसमें कहा गया है, ‘‘हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र, विविधता के देश और एशिया-प्रशांत में बढ़ रही शक्ति भारत के साथ अपनी सामरिक साझेदारी में निवेश करते रहेंगे।”

हालांकि 2016 के घोषणापत्र के विपरीत इस प्रस्तावित घोषणापत्र में पाकिस्तान का कोई जिक्र नहीं किया गया है और इस पर उसने पहले के मुकाबले चीन पर अपनी नीति का अधिक विस्तार से उल्लेख किया है। प्लेटफॉर्म में कहा गया है, ‘‘चीन की ओर डेमोक्रेट्स का रुख अमेरिका के राष्ट्रीय हितों और हमारे सहयोगियों के हितों द्वारा निर्देशित होगा।’ घोषणापत्र में तिब्बत का कोई जिक्र नहीं किया गया है। इसमें जलवायु परिवर्तन को वैश्विक आपात स्थिति बताते हुए पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते में अमेरिका के फिर से शामिल होने का आह्वान किया गया है। (एजेंसी)