विश्वबैंक ने भारतीय कंपनी को भ्रष्ट और धोखाधड़ी गतिविधियों के लिए चिह्लित किया

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वाशिंगटन. विश्वबैंक ने बुधवार को कहा कि उसने कनार्टक और उत्तर प्रदेश में दो सड़क परियोजनाओं से जुड़ी एक भारतीय कंपनी के भ्रष्ट और धोखाधड़ी वाली गतिविधियों में शामिल होने के मामले में उसे दो साल के लिये शर्त के साथ काम करने (नॉन-डिबारमेंट) की मंजूरी दी है। इसका मतलब है कि कंपनी एगिस इंडिया कंसल्टिंग इंजीनियर्स प्राइवेट लि. विश्वबैंक वित्त पोषित परियोजनाओं में तबतक शामिल होने के लिये पात्र होगी जबतक वह निपटान समझौते के बाध्यताओं को पूरा करेगी।

कंपनी पर दूसरी कर्नाटक राज्य राजमार्ग सुधार परियोजना और उत्तर प्रदेश् ‘कोर रोड नेटवर्क डेवलपमेंट प्रोजेक्ट’ में भ्रष्ट और धोखाधाड़ी वाली गतिविधियों में शमिल होने का आरोप है। विश्वबैंक ने कहा कि एगिस इंडिया को सशर्त काम करने की अनुमति दी गयी है और उस पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। वैश्विक निकाय ने कहा कि अगर कंपनी बाध्यताओं को पूरा नहीं करती है, यह प्रतिबंध में बदल जाएगा और उसके बाद पह विश्वबैंक वित्त पोषित किसी भी परियोजना में भाग नहीं ले सकेगी। यह पाबंदी तबतक रहेगी जबतक वह निपटान समझौते की शर्तों को पूरा नहीं करेगी।(एजेंसी)