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    नई दिल्ली: गाम्बिया में 66 बच्चों की मौतों के बाद अब उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में बच्चों की मृत्यु के लिए एक भारतीय दवा कंपनी को जिम्मेदार ठहराया है। उज्बेकिस्तान में कथित तौर पर भारतीय दवा कंपनी का कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत होने का दावा किया गया है।उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि, उनके देश में 18 बच्चों की मौत एक भारतीय दवा कंपनी द्वारा निर्मित दवाओं के सेवन से हुई है। 

    उज्बेकिस्तान की स्थानीय समाचार वेबसाइट, AKI.com के अनुसार, टैबलेट और सिरप, ‘डॉक -1 मैक्स’, जो उत्तर प्रदेश स्थित मैरियन बायोटेक द्वारा निर्मित किए गए थे, कथित तौर पर पूर्व सोवियत उपनिवेश में कई बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इन बच्चों को तीव्र श्वसन रोगों के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

    रिपोर्ट में दावा किया गया है कि, मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि फार्मास्यूटिकल कंपनी मैरियन बायोटेक (Marion Biotech) द्वारा निर्मित Dok-1 Max सिरप के पीने से बच्चों की मौत हुई है। इस दवा कंपनी ने वर्ष 2012 में उज्बेकिस्तान के बाजार में कदम रखा था। सूत्रों के मुताबिक, इस कंपनी द्वारा निर्मित Dok-1 Max सिरप वर्तमान में भारतीय बाजार में नहीं बेचा जा रहा है।

    गाम्बिया में हुई थी 66 बच्चों की मौत 

    गौरतलब है कि, बीते अक्टूबर में गाम्बिया में भारत में निर्मित कफ सिरप की वजह से 66 बच्चों की मौत का मामला सामने आया था। अफ़्रीकी देश ने आरोप लगाया था कि, भारत में निर्मित सिरप से उनके यहां 66 बच्चों की मौत हो गई थी। हालांकि, अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है। 

    वहीं, मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार ने जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया था। स्टैंडिंग नेशनल कमेटी ऑन मेडिसिन के वाइस चेयरमैन डॉ. वाई के गुप्ता की अध्यक्षता में इस कमेटी गठन किया गया। कमेटी के गठन के बाद, जांच रिपोर्ट आने तक दवा कंपनी का प्रोडक्शन बंद कर दिया गया। कमेटी ने उस जगह का निरीक्षण किया गया, जहां इस सिरप का प्रोडक्शन किया जा रहा था। कमेटी ने सैंपल कलेक्ट कर चंडीगढ़ की लैब में भेजे दिए  थे।