Court
File Pic

    Loading

    वाशिंगटन. अमेरिका (America) की एक संघीय ज्यूरी ने शुक्रवार को पाकिस्तानी मूल के एक अमेरिकी परिवार को एक पाकिस्तानी महिला (Pakistani Women) से 12 साल तक जबरन मजदूरी कराने के मामले में दोषी ठहराया। संघीय ज्यूरी ने परिवार के सदस्यों-जाहिदा अमान, मोहम्मद नोमान चौधरी और मोहम्मद रेहान चौधरी को 12 साल से अधिक समय तक पीड़िता को शारीरिक और मानसिक यातनाएं देने का दोषी पाया।

    मामले में दोषियों को पांच से 20 साल तक की जेल की सजा का सामना करना पड़ सकता है। एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, “पाकिस्तानी-अमेरिकी परिवार ने पीड़िता को थप्पड़ जड़ा, लात मारी और धक्का दिया। यहां तक ​​कि उसे लकड़ी के बोर्ड से भी पीटा गया। एक अवसर पर तो महिला के हाथ-पैर बांधकर उसे सीढ़ियों से नीचे खींचा गया।” परिवार पर आरोप था कि पीड़िता के पति के चले जाने के बाद भी उसने न सिर्फ उसे वर्जीनिया स्थित अपने घर में रखा, बल्कि बेहद कठिन कार्य करने के लिए मजबूर किया।

    आरोप के मुताबिक, परिवार महिला से एक एकड़ जमीन में फैली घास कटवाता था, दो मंजिला घर के अंदर-बाहर पुताई करवाता था और चिमटी के जरिये कार में बिछी कालीन से मिट्टी निकलवाता था। परिवार पर महिला से अपने घर के सामने कंक्रीट के एक वॉकवे का निर्माण कराने का भी आरोप है, जिसके लिए पीड़िता को 80 पौंड वजन के सीमेंट के बोरे ढोने पड़े।

    सहायक अटॉर्नी जनरल क्रिस्टन क्लार्क ने कहा, ”प्रतिवादियों ने पीड़िता के भरोसे का फायदा उठाया और उसे क्रूर व अमानवीय शारीरिक-मानसिक यातनाएं दीं, ताकि वे उससे घरेलू नौकरानी के रूप में काम करवा सकें।” वर्जीनिया के पूर्वी जिले की अमेरिकी अटॉर्नी जेसिका डी एबर ने कहा, ”जबरन श्रम का आधुनिक समय में हमारे देश या जिले में कोई स्थान नहीं है। हम इस तरह का अपराध करने वालों पर मुकदमा चलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। यह फैसला जघन्य श्रम तस्करी अपराधों की रोकथाम में सहायक साबित होगा।”