इस्लामाबाद. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख इमरान खान (Imran Khan) फिर एक बार मुश्किल में पड़ गए हैं। शनिवार को इस्लामाबाद के मजिस्ट्रेट ने इमरान के खिलाफ अरेस्ट वारंट (Arrest Warrant) जारी किया है। यह वारंट महिला न्यायाधीश के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी को लेकर जारी किया गया है। यह जानकारी पाकिस्तानी मीडिया (Pakistani Media) ने दी।
पाकिस्तान के जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लामाबाद के मारगल्ला पुलिस स्टेशन के मजिस्ट्रेट ने पीटीआई प्रमुख के खिलाफ 20 अगस्त को दर्ज मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जेबा चौधरी को धमकाने के मामले में वारंट जारी किया है।
Pakistan | A magistrate of Islamabad's Margalla police station issued arrest warrant against PTI chief Imran Khan related to a case registered on August 20 for his remarks regarding Additional District & Sessions Judge Zeba Chaudhry, reports Pakistan's Geo News
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— ANI (@ANI) October 1, 2022
प्राथमिकी में पाकिस्तान दंड संहिता (पीपीसी) की चार धाराएँ शामिल हैं, जिनमें 506 (आपराधिक धमकी के लिए सजा), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान), 189 (लोक सेवक को चोट की धमकी), और 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत प्रख्यापित आदेश की अवज्ञा) है।
यह गिरफ्तारी वारंट इमरान खान द्वारा हलफनामा प्रस्तुत करने के कुछ घंटों के भीतर आया, जिसमें कहा गया था कि उन्हें एहसास हुआ था कि उन्होंने 20 अगस्त को राजधानी में एक सार्वजनिक रैली में एक सीमा पार कर ली है।
गौरतलब है कि इस्लामाबाद (Islamabad) में गत 20 अगस्त को एक रैली के दौरान, खान ने अपने सहयोगी शहबाज गिल के साथ हुए व्यवहार को लेकर शीर्ष पुलिस अधिकारियों, चुनाव आयोग और राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की धमकी दी थी।
गिल को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने न्यायाधीश चौधरी पर भी निशाना साधा था, जिन्होंने कैपिटल टेरिटरी पुलिस के अनुरोध पर गिल की दो दिन की हिरासत को मंजूरी दी थी। खान ने कहा था कि उन्हें (न्यायाधीश को) ‘खुद को तैयार रखना चाहिए क्योंकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’ भाषण के कुछ घंटों बाद, 69 वर्षीय खान पर उनकी रैली में पुलिस, न्यायपालिका और अन्य सरकारी संस्थानों को धमकी देने के लिए आतंकवाद-निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने हलफनामे का हवाला देते हुए बताया कि इमरान खान ने अदालत को आश्वासन दिया कि वह भविष्य में ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे जिससे किसी भी अदालत और न्यायपालिका, खासकर निचली न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचे। उन्होंने यह भी कहा कि पिछली सुनवाई में उन्होंने अदालत के सामने जो कहा वह पूरी तरह से पालन करेंगे और कहा कि वह इस संबंध में अदालत को संतुष्ट करने के लिए आगे की कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं।
पीटीआई द्वारा ट्विटर पर साझा किए गए एक वीडियो में उन्हें कोर्ट रीडर से यह कहते सुना जा सकता है, ‘मैं न्यायिक मजिस्ट्रेट जेबा चौधरी से माफी मांगने आया हूं।’ उन्होंने कहा, ‘आप मैडम जेबा चौधरी को अवगत करा दें कि इमरान खान आए थे और अगर उनके (खान के) शब्दों से उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची है तो वह माफी मांगना चाहते हैं।’ (एजेंसी इनपुट के साथ)