Australia Moon Mission : Search for water on the moon, now Australia will send rover in 2024
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    सिडनी: पिछले महीने ऑस्ट्रेलिया (Australia) की अंतरिक्ष एजेंसी (Space Agency) ने नासा (NASA) के साथ एक समझौते के तहत 2026 तक चंद्रमा पर ऑस्ट्रेलिया निर्मित रोवर भेजने की योजना की घोषणा की थी। रोवर ऑक्सीजन युक्त चंद्रमा की मिट्टी को एकत्र करेगा, जिसका उपयोग अंततः अंतरिक्ष में मानव जीवन के सहयोग में मदद के लिए किया जा सकता है। नासा के साथ इस समझौते ने सुर्खियां बटोरीं, हालांकि सिडनी में यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी सिडनी के सहयोग से ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में निजी कंपनियों द्वारा संचालित एक अलग अभियान के तहत ऑस्ट्रेलिया को 2024 के मध्य तक चंद्रमा पर पानी की तलाश करते देखा जा सकता है। यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो यह ऑस्ट्रेलिया निर्मित घटकों का चंद्रमा पर पहुंचने वाला पहला रोवर होगा।

    पानी की तलाश में भटकना

    करीब दस किलोग्राम वजन वाला रोवर चंद्रमा पर अनुसंधान करने वाली जापान की कंपनी आईस्पेस द्वारा बनाए गए हाकुटो लैंडर के जरिए प्रक्षेपित किया जाएगा। इस रोवर को भी आईस्पेस ने बनाया है, जो निजी कंपनियों स्टारडस्ट टेक्नोलॉजीज (कनाडा में स्थित) और ऑस्ट्रेलिया की एक्सप्लोर स्पेस टेक्नोलॉजी (जिनके संस्थापकों में से एक चाऊ हैं) द्वारा निर्मित एक एकीकृत रोबोटिक शाखा होगी।

    यह रोवर विशेष रूप से पानी खोजने के लक्ष्य के साथ धूल, मिट्टी और चट्टानों की भौतिक और रासायनिक संरचना के बारे में जानकारी एकत्र करेगा। ऐसा अनुमान है कि चंद्रमा की धरती के भीतर पानी मौजूद है, लेकिन व्यावहारिक उपयोग के लिए हमें अब तक पानी निकालने का कोई तरीका नहीं मिला है। नासा द्वारा किए गए परीक्षण की तरह यह परीक्षण चंद्रमा पर भौतिक और रासायनिक स्थितियों को हूबहू दर्शा सकता है। यह निर्धारित करना महत्वपूर्ण होगा कि क्या रोवर चलायमान रह सकता है और विभिन्न पर्यावरणीय स्थितियों के बीच कार्य करना जारी रख सकता है।

    अंतरिक्ष के क्षेत्र में कदम

    यह रोवर चंद्रमा से आंकड़े भी भेजेगा जिसे धरती पर लोग आभासी वास्तविक (वीआर) चश्मे और एक सेंसर दस्ताने की मदद से अनुभव कर सकते हैं। रोबोटिक शाखा द्वारा एकत्र हैप्टिक (स्पर्शानुभूति) आंकड़ा अनिवार्य रूप से हमें चंद्रमा की सतह पर किसी भी चीज की ‘‘वास्तवकि अनुभूति को महसूस” करने में मदद करेगा। इस अनुभूति को लोगों तक पहुंचाने के लिए एक नि:शुल्क ऐप उपलब्ध कराने की योजना बनाई जा रही है और उम्मीद है कि यह अंतरिक्ष खोजकर्ताओं की भावी पीढ़ियों को प्रेरित करेगा। (एजेंसी)