लंदन. ब्रिटेन के नवनियुक्त प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Britain Prime Minister Rishi Sunak) ने मंगलवार को कहा कि उन्हें उनके पूर्ववर्ती द्वारा की गई कुछ “गलतियों” को दुरुस्त करने के लिए चुना गया है। इसके साथ ही उन्होंने वादा किया कि “आर्थिक स्थिरता और भरोसा बहाल करना” उनकी सरकार के एजेंडे के केंद्र में होगा। सुनक ने मंगलवार को महाराजा चार्ल्स तृतीय के साथ मुलाकात के बाद औपचारिक रूप से भारतीय मूल के पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाल लिया।
इससे पहले उन्हें दिवाली के दिन निर्विरोध कंजर्वेटिव पार्टी का नया नेता चुना गया था। ब्रिटेन के पूर्व वित्त मंत्री सुनक (42) हिंदू हैं और वह पिछले 210 साल में ब्रिटेन के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री हैं। प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर सुनक ने कहा कि वह देश के सामने गंभीर आर्थिक संकट का सामना सहानुभूतिपूर्ण तरीके से करेंगे और एक “ईमानदार, पेशेवर तथा जवाबदेह” सरकार का नेतृत्व करेंगे।
I stand here before you ready to lead our country into the future, to put your needs above politics, to reach out and build a govt that represents the very best traditions of my party. Together we can achieve incredible things: British PM #RishiSunak at 10 Downing Street pic.twitter.com/ElycCq2F2d
— ANI (@ANI) October 25, 2022
सुनक ने कहा कि उन्हें उनकी पूर्ववर्ती लिज ट्रस द्वारा की गई “गलतियों को दुरुस्त करने” के लिए कंजर्वेटिव पार्टी का नेता और प्रधानमंत्री चुना गया है। उन्होंने कहा, “वह काम तुरंत शुरू किया जा रहा है।” उन्होंने कहा कि बतौर मंत्री अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने ‘फरलो’ जैसी योजनाओं के माध्यम से “आम लोगों और व्यवसाय की रक्षा के लिए” वह सब कुछ किया, जो वह कर सकते थे।
सुनक ने कहा, “आज हम जिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, मैं उनसे उसी तरह सहानुभूतिपूर्ण तरीके से निपटने का प्रयास करूंगा।” उन्होंने कहा कि वह अगली पीढ़ी पर “यह कहने के लिए ऋण नहीं छोड़ेंगे कि हम खुद भुगतान करने में अक्षम थे।”
सुनक ने कहा, “मैं अपने देश को कथनी से नहीं, बल्कि करनी से एकजुट करूंगा। मैं आपके लिए दिन-रात काम करूंगा। हम एकजुट होकर अविश्वसनीय चीजें हासिल कर सकते हैं।”
सुनक ने ऐसे समय सत्ता की कमान संभाली है, जब ब्रिटेन धीमी गति से विकास, उच्च मुद्रास्फीति, यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर ऊर्जा की कीमतों में बढ़ोतरी और बजट घाटा जैसे मुद्दों से जूझ रहा है, जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की वित्तीय विश्वसनीयता को कमजोर किया है।
उनका पहला काम ब्रिटेन की अंतरराष्ट्रीय वित्तीय विश्वसनीयता को बहाल करना होगा, क्योंकि निवर्तमान प्रधानमंत्री लिज ट्रस द्वारा करों में कटौती किये जाने की योजना और एक महंगी ऊर्जा मूल्य गारंटी ने बांड बाजार को झकझोर दिया। उसके पास कर दरों को बढ़ाने और खर्च में कटौती करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा, जो अलोकप्रिय होगा और इसके अप्रत्याशित राजनीतिक परिणाम भी हो सकते हैं। (एजेंसी)