Monkeypox
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इसके अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में भी मंकीपॉक्स के मामले बढ़ते जा रहे हैं।

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    नई दिल्ली: दुनियाभर में मंकीपॉक्स (Monkeypox) के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। यूरोप (Europe) में मंकीपॉक्स के 100 के मरीज मिल चुके हैं। वहीं, इस ट्रेंड को गंभीरता से लेते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक इमरजेंसी बैठक की है। उस बैठक में कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। अभी इस समय यूरोप के कुल 9 देशों में मंकीपॉक्स ने जोरदार दस्तक दी है। जिनमें बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, पॉर्चुगल, स्पेन, स्वीडन और ब्रिटेन। इसके अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में भी मंकीपॉक्स के मामले बढ़ते जा रहे हैं। 

    इस साल अमेरिका में मंकीपॉक्स (Monkeypox) का पहला मामला सामने आया है। इसके पहले यूरोप के कई देशों में मंकीपॉक्स के मामले सामने आए हैं। इनमें से यूके में 7 जबकि पुर्तगाल और स्पेन में भी कुछ मामले सामने आए हैं। वहीं कनाडा में स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि वो 13 मामलों की जांच कर रहे हैं। 

    बता दें कि, मंकीपॉक्स (Monkeypox) एक जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाला वायरस है, जिसमें स्मॉल पॉक्स जैसे लक्षणों होते हैं। यह काफी गंभीर वायरस है। साल 1980 में चेचक के उन्मूलन और बाद में स्मॉल पॉक्स के टीकाकरण की समाप्ति के साथ मंकीपॉक्स (Monkeypox) सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बेहद गंभीर समस्या बना गया है। 

    मंकीपॉक्स वायरस (Monkeypox Virus) एक डबल-स्ट्रैंडेड डीएनए वायरस है। जो पॉक्स विरिडे परिवार के ऑर्थो पॉक्स वायरस जीनस से संबंधित है। मंकीपॉक्स वायरस के लिए कई जानवरों की प्रजातियों को जिम्मेदार माना गया है। इन जानवरों में रस्सी गिलहरी, पेड़ गिलहरी, गैम्बिया पाउच वाले चूहे, डर्मिस, गैर-मानव प्राइमेट और अन्य प्रजातियां शामिल हैं।

    बता दें कि साल 1970 में पहली बार इंसानों में मंकीपॉक्स की पहचान की गयी। रिपब्लिक ऑफ कांगो में एक 9 साल का  लड़का मंकीपॉक्स से संक्रमित हुआ था। जहां 1968 में स्मॉल पॉक्स को समाप्त कर दिया गया था।  उसके बाद से अधिकांश मामले ग्रामीण, वर्षावन क्षेत्रों से सामने आए हैं। 

    ऐसे होता है मंकीपॉक्स वायरस का संक्रमण
    मंकीपॉक्स वायरस किसी संक्रमित जानवर के काटने से, या उसके खून, शरीर के तरल पदार्थ या फर को छूने से हो सकता है। ऐसा माना जाता है कि यह चूहों, खरगोशों और गिलहरियों जैसे जानवरों के काटने से फैलता है। इंसानों में यह वायरस बहुत ही तेजी से फैलता है। एक तरह से कह सकते हैं कि ये भी छुआछूत की तरह ही है। अगर आप संक्रमित व्यक्ति के कपड़े या बिस्तर का इस्तेमाल करते हैं तो आपको मंकीपॉक्स हो सकता है। छींकने और खांसने से भी यह वायरस फैल सकता है।

    क्या है मंकीपॉक्स इसके लक्षण?

    • मंकीपॉक्स से संक्रमित होने के पांच दिन के भीतर बुखार, तेज सिरदर्द, सूजन, पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान जैसे लक्षण दिखते हैं।
    • मंकीपॉक्स शुरुआत में चिकनपॉक्स, खसरा या चेचक जैसा दिखता है।
    • बुखार होने के एक से तीन दिन बाद त्वचा पर इसका असर दिखना शुरू होता है।
    • शरीर पर दाने निकल आते हैं।
    • हाथ-पैर, हथेलियों, पैरों के तलवों और चेहरे पर छोटे-छोटे दाने निकल आते हैं।
    • यह चेहरे और हाथों की हथेलियों और पैरों के तलवों को ज्यादा प्रभावित करता है।

    मंकीपॉक्स का इलाज

    • यदि मंकीपॉक्स की चपेट में आने का शक है, तो स्वास्थ्य कर्मियों को एक उपयुक्त नमूना इकट्ठा करना चाहिए।
    • इसके बाद इस नमूने को एक  प्रयोगशाला में सुरक्षित रूप से पहुंचना चाहिए।
    • मंकीपॉक्स की पुष्टि नमूने के प्रकार और गुणवत्ता और प्रयोगशाला परीक्षण के प्रकार पर निर्भर करती है। 
    • मंकीपॉक्स पर नियंत्रण पाने के लिए टीकाकरण का आकलन करने के लिए अब स्टडी चल रही है।