नई दिल्ली/तोक्यो. जहां एक तरफ दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोकतंत्रों में से 7 देशों के नेता इस समय द्वितीय विश्व युद्ध में परमाणु हमले (Nuclear War) का शिकार हुए हिरोशिमा में बैठक कर रहे हैं। वहीं जापान के एक बौद्ध भिक्षु, तोयोशिगे सेकिगुची, हिरोशिमा में G7 अंतर्राष्ट्रीय मीडिया सेंटर के बाहर एक अनोखा प्रदर्शन कर रहे हैं। दरअसल वे जापान के एक बौद्ध भिक्षु, तोयोशिगे सेकिगुची, हिरोशिमा में G7 अंतर्राष्ट्रीय मीडिया सेंटर के बाहर जिसमे विश्व नेताओं से विश्व शांति और परमाणु हथियारों के उपयोग को दूर करने का आग्रह किया गया है।
#WATCH | A Buddhist monk from Japan, Toyoshige Sekiguchi stands outside G7 international media centre in Hiroshima with a placard, holding a unique protest urging the world leaders for world peace & shun the use of nuclear weapons.
“In 1945, an atom bomb was dropped in… pic.twitter.com/FnhyZstyEN
— ANI (@ANI) May 19, 2023
बौद्ध भिक्षु, तोयोशिगे सेकिगुची इस बाबत कहते हैं कि, “1945 में, हिरोशिमा में एक परमाणु बम गिराया गया था, इतने सारे लोग मारे गए थे। हम और त्रासदी नहीं चाहते हैं…। 6 अगस्त 1945 को हिरोशिमा में एक परमाणु बम गिरा और इतने लोग मारे गए हैं। हम और त्रासदी नहीं चाहते…शांति से रहना चाहिए।”
#WATCH | Hiroshima, Japan | Toyoshige Sekiguchi, the Buddhist monk says, “On 6th August 1945, one atom bomb dropped in Hiroshima and so many people died. We don’t want any more tragedy…Shanti se rahna chahiye.” pic.twitter.com/bVggLLwhLv
— ANI (@ANI) May 19, 2023
गौरतलब है कि, रूस यूक्रेन युद्ध और उत्तर कोरिया की हठधर्मिता के चलते अब परमाणु हमले का खतरा बना हुआ है। ऐसे में G7 की बैठक एक ऐसे शहर में हो रही है, जो परमाणु हमले का शिकार हो चुका है। पता हो कि, 6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने हिरोशिमा पर सुबर 8.16 मिनट पर भयंकर परमाणु हमला किया था। तब इस हौलनाक शुरुआती विस्फोट में 70,000 लोग मारे गए थे और दसियों हज़ार अन्य लोगों को धीरे-धीरे जलने या जलने से मरने के लिए यहां छोड़ दिया था।