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पाकिस्तान की क्षमता पर संदेह (Pic: Social Media)

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वाशिंगटन: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को राहत पैकेज के तहत 1.1 अरब अमेरिकी डॉलर की तत्काल मदद को मंजूरी दे दी है। आईएमएफ ने कहा कि देश को अपनी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है। इस संबंध में निर्णय अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के कार्यकारी बोर्ड ने लिया। उसने आईएमएफ की अतिरिक्त व्यवस्था (SBA) द्वारा समर्थित पाकिस्तान के आर्थिक सुधार कार्यक्रम की दूसरी तथा अंतिम समीक्षा पूरी करने के बाद यह फैसला किया। इसके साथ, एसबीए के तहत देय राशि करीब तीन अरब अमेरिकी डॉलर हो गई है। सभी बोर्ड सदस्यों ने अंतिम किस्त जारी करने का समर्थन किया। हालांकि, भारत मतदान में शामिल नहीं हुआ।

आईएमएफ की उप प्रबंध निदेशक एंटोनेट सयेह ने कहा, आगे आने वाली चुनौतियों को देखते हुए पाकिस्तान को इस कठिन परिश्रम से प्राप्त स्थिरता का लाभ उठाना चाहिए। वर्तमान व्यवस्था से आगे बढ़कर मजबूत, समावेशी तथा टिकाऊ वृद्धि के लिए ठोस वृहद आर्थिक नीतियों और संरचनात्मक सुधारों के साथ आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि निरन्तर बाह्य समर्थन भी महत्वपूर्ण होगा। आईएमएफ अधिकारी ने कहा कि मजबूत, दीर्घकालिक समावेशी वृद्धि हासिल करने और रोजगार सृजन के लिए संरचनात्मक सुधारों में तेजी लाने और पर्याप्त रूप से वित्तपोषित बेनजीर आय सहायता कार्यक्रम के माध्यम से सबसे वंचित लोगों को निरंतर संरक्षण प्रदान करने की आवश्यकता है।

अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मांगी थी मदद

आईएमएफ अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान को इस सप्ताह यह कर्ज दे दिया जाएगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सऊदी अरब के रियाद में आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात के एक दिन बाद ऋण को मंजूरी दी गई है। प्रधानमंत्री के रूप में दोबारा निर्वाचित होने के बाद आईएमएफ प्रमुख के साथ अपनी पहली बैठक में शरीफ ने एक और आईएमएफ कार्यक्रम की पाकिस्तान की मांग पर भी चर्चा की थी क्योंकि देश को अपनी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अभी भी वैश्विक ऋणदाता की मदद की जरूरत है।

आईएमएफ दल के मई में पाकिस्तान की यात्रा करने की उम्मीद है। इस दौरान वह जलवायु वित्तपोषण के माध्यम से वृद्धि की संभावना के साथ छह से आठ अरब अमेरिकी डॉलर के बीच की नई दीर्घकालिक विस्तारित निधि सुविधा (EFF)पर वार्ता शुरू करेंगे। हालांकि, सटीक आकार और समय सीमा मई 2024 में अगले कार्यक्रम की प्रमुख रूपरेखा पर आम सहमति बनने के बाद ही निर्धारित की जाएगी। अगर यह सुरक्षित हो जाता है, तो यह पाकिस्तान को 24वां आईएमएफ बेलआउट होगा। (एजेंसी)