जयशंकर ने अपने बयान में मालदीव को भारत की विकास सहायता का भी उल्लेख किया। जयशंकर ने कहा, ‘‘भारत मालदीव को विकास सहायता देने वाले देशों में प्रमुख है। हमारी परियोजनाओं से आपके देश के लोगों को लाभ हुआ है; (हमने) जीवन की गुणवत्ता में योगदान दिया है।
नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar) ने मालदीव (Maldives) के अपने समकक्ष मूसा ज़मीर के साथ बातचीत में कहा कि दोनों देशों के रिश्तों का विकास ‘आपसी हित’ और पारस्परिक संवेदनशीलता’ पर आधारित है। जयशंकर की ये टिप्पणी छह महीने पहले मालदीव में, चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के पदभार संभालने के बाद दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में आई खटास के बीच आई है।
ज़मीर के साथ अपनी बातचीत शुरू करते हुए जयशंकर ने कहा, “करीबी और निकटतम पड़ोसी होने के नाते हमारे संबंधों का विकास स्पष्ट रूप से आपसी हितों और पारस्परिक संवेदनशीलता पर आधारित है।” उन्होंने कहा, “ जहां तक भारत का सवाल है तो ये हमारी पड़ोस प्रथम नीति और सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) दृष्टिकोण में व्यक्त किया गया है। मुझे आशा है कि आज की हमारी बैठक में हम विभिन्न क्षेत्रों में हमारे दृष्टिकोणों को मजबूत कर पाएंगे।”
मुइज्जू द्वीपीय राष्ट्र से भारतीय सैन्य कर्मियों की वापसी पर जोर दे रहे हैं जिससे दोनों देशों के संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया था। भारत पहले ही अपने अधिकतर सैन्यकर्मियों को वापस बुला चुका है। मुइज्जू ने अपने देश से भारतीय सैन्य टुकड़ियों की वापसी के लिए 10 मई की समय सीमा तय की थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस वार्ता में कहा कि भारतीय सैन्य कर्मियों का पहला और दूसरा जत्था वापस आ गया है और तीन भारतीय विमानन मंचों को संचालित करने के लिए ‘‘अब भारतीय तकनीकी कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है”।
जयशंकर ने अपने बयान में मालदीव को भारत की विकास सहायता का भी उल्लेख किया। जयशंकर ने कहा, ‘‘भारत मालदीव को विकास सहायता देने वाले देशों में प्रमुख है। हमारी परियोजनाओं से आपके देश के लोगों को लाभ हुआ है; (हमने) जीवन की गुणवत्ता में योगदान दिया है। इनमें बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और सामाजिक पहल से लेकर चिकित्सा निकासी और स्वास्थ्य केंद्र तक शामिल हैं।” उन्होंने कहा, “हमने पहले भी अनुकूल शर्तों पर वित्तीय सहायता दी है। भारत कई अवसरों पर मालदीव के लिए सबसे पहले आगे बढ़कर मदद देने वालों में रहा है।”
जयशंकर ने कहा, “ हमारे सहयोग ने साझा गतिविधियों, उपकरण, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के माध्यम से आपके देश की सुरक्षा और कल्याण को भी मजबूत किया है।” जायसवाल ने कहा कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों पर ‘व्यापक चर्चा’ हुई। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने विकास साझेदारी और चल रही क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण पहल पर चर्चा की। मालदीव से भारतीय सैन्य कर्मियों की वापसी पर, जायसवाल ने कहा कि दोनों पक्ष भारतीय विमानन मंचों के निरंतर संचालन को सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं जो द्वीपीय देश के लोगों को मानवीय और चिकित्सा निकासी सेवाएं प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, भारतीय तकनीकी कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है।”
मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा कि जयशंकर और ज़मीर ने भविष्य में सहयोग के अवसर पैदा करने के लिए भारत-मालदीव साझेदारी के सभी पहलुओं पर चर्चा की। इसमें कहा गया है कि दोनों मंत्रियों ने आपसी हित के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में मिलकर काम करना जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। मालदीव के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘दोनों मंत्रियों ने लाभदायक आर्थिक साझेदारी और भारतीय अनुदान सहायता और ऋण पहल के माध्यम से परियोजनाओं की उल्लेखनीय प्रगति को स्वीकार किया।” बयान के मुताबिक, ज़मीर ने दोनों देशों के बीच आर्थिक, व्यापार और निवेश संबंधों को बढ़ावा देने और आगे बढ़ाने में भारत के दृढ़ समर्थन के साथ-साथ मालदीव की सामाजिक आर्थिक उन्नति में भारत की प्रतिबद्ध भूमिका की सराहना की। इसमें कहा गया है, ‘‘भारत ने मालदीव के लिए एक वर्ष के लिए आवश्यक वस्तुओं के आयात का कोटा को नवीनीकृत किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है।”