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Pic: ANI

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नई दिल्ली: जहां एक तरफ विश्व परमाणु हथियारों (Nuclear Weapons) को लेकर एक सामंजस्य और गतिरोध बनाने कि जुगत में हैं। लेकिन वहीं इसके उलट नॉर्थ कोरिया (North Korea) ने अपनी परमाणु क्षमता को तेजी से बढ़ाने की नीति को अपने संविधान में ही शामिल कर लिया है। जी हां, अब यहां परमाणु हथियार बनाना संविधान का हिस्सा है।

इसी के साथ ये ख़ास अधिकार अब नॉर्थ कोरिया के कानून का हिस्सा बन गई है। इधर यहां के तानाशाह किम जोंग ने अमेरिका के उकसावे को रोकने के लिए अब परमाणु हथियार के प्रोडक्शन को बढ़ाने की भी बड़ी घोषणा की। इस बाबत नॉर्थ कोरिया की संसद और सुप्रीम कोर्ट ने 2 दिन की सघन मीटिंग में सर्वसम्मति से ये प्रस्ताव पारित किया।

यहां के स्टेट मीडिया KCNA की मानें तो, नॉर्थ कोरिया के संविधान में ये संशोधन इसलिए हुआ है, क्योंकि नॉर्थ कोरिया ज्यादा से ज्यादा परमाणु हथियार बनाकर अपने अस्तित्व को सुरक्षित कर सके और जंग को रोक सके। इस बाबत किम जोंग ने संसद में खुले आम कहा कि, “देश की परमाणु शक्ति को मजबूत करने की पॉलिसी को कानून बना दिया गया है। किसी को भी इसका उल्लंघन करने की इजाजत नहीं होगी।”

तानाशाह बोले- अमेरिका के खिलाफ खड़े देशों के साथ मिलकर काम करें
तानाशाह किम ने परमाणु हथियारों के उत्पादन को तेजी से बढ़ाने और इसे अलग-अलग सर्विजेस में तैनात करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा- अमेरिका सैन्य उकसावे की सारी हदें पार कर चुका है। वो लगातार क्षेत्र में मिलिट्री ड्रिल्स और अपने हथियारों की तैनाती कर रहा है। किम ने अपने अधिकारियों से अमेरिका के खिलाफ खड़े देशों के साथ एकजुटता बढ़ाने को कहा है।

साउथ कोरिया भी मुखर 
जानकारी  दें कि, इससे पहले बीते मंगलवार को साउथ कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक यिओल ने नॉर्थ कोरिया को परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को लेकर चेतावनी दी थी। वहीं साउथ कोरिया में बीते मंगलवार को देश की सबसे बड़ी मिलिट्री परेड भी आयोजित की हुई थी। इस ख़ास मौके पर बैलिस्टिक मिसाइल से लेकर टैंक तक की प्रदर्शनी हुई थी।