ताइपे. अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के निचले सदन प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी मलेशिया से उड़ान भरने के बाद मंगलवार रात को ताइवान के ताइपे सोंगशान एयरपोर्ट पर पहुंच गई है। इसी के साथ पेलोसी स्वशासित द्वीप का दौरा करने वाली अमेरिका की सर्वोच्च अधिकारी बन गई हैं। उधर, पेलोसी की यात्रा से चीन बौखला गया है। उसने कहा कि अमेरिका को इसके बहुत गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
बता दें कि नैंसी पेलोसी की सुरक्षित यात्रा के लिए अमेरिका ने पूर्वी ताइवान में चार युद्धपोत तैनात किए हैं। पेलोसी के ताइवान पहुंचते ही चीन हरकत में आया और उसने सभी यात्री विमानों के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया।
US House of Representatives Speaker Nancy Pelosi arrives in Taipei, Taiwan.
(Source: Reuters) pic.twitter.com/9IH7f11LgZ
— ANI (@ANI) August 2, 2022
ताइवान पहुँचने के बाद नैंसी पेलोसी और कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने बयान जारी कर कहा कि पेलोसी की ताइवान यात्रा ताइवान के लोकतंत्र को अमेरिका का समर्थन है।
पेलोसी ने कहा, “हमारे प्रतिनिधिमंडल की ताइवान यात्रा ताइवान के जीवंत लोकतंत्र का समर्थन करने के लिए अमेरिका की अटूट प्रतिबद्धता का सम्मान करती है। ताइवान के नेतृत्व के साथ हमारी चर्चा हमारे साझेदार के लिए हमारे समर्थन की पुष्टि करती है और एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को आगे बढ़ाने सहित हमारे साझा हितों को बढ़ावा देती है।
उन्होंने कहा, “ताइवान के 23 मिलियन लोगों के साथ अमेरिका की एकजुटता आज पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि दुनिया निरंकुशता और लोकतंत्र के बीच एक विकल्प का सामना करती है।”
America’s solidarity with the 23 million people of Taiwan is more important today than ever, as the world faces a choice between autocracy and democracy.
— Nancy Pelosi (@SpeakerPelosi) August 2, 2022
पेलोसी ने कहा, “हमारी यात्रा ताइवान के कई कांग्रेस प्रतिनिधिमंडलों में से एक है – और यह किसी भी तरह से संयुक्त राज्य की नीति का खंडन नहीं करती है, जो 1979 के ताइवान संबंध अधिनियम, यू.एस.-चीन संयुक्त विज्ञप्ति और छह आश्वासनों द्वारा निर्देशित है।”
उल्लेखनीय है कि चीन दावा करता रहा है कि ताइवान उसका हिस्सा है। वह विदेशी अधिकारियों के ताइवान दौरे का विरोध करता है क्योंकि उसे लगता है कि यह द्वीपीय क्षेत्र को संप्रभु के रूप में मान्यता देने के समान है। चीन ने धमकी दी थी कि यदि पेलोसी ताइवान की यात्रा करती हैं तो इसके “गंभीर परिणाम” होंगे।