Terrorist Attack
Representative Photo: Social Media

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    नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir ) ने गुरुवार को यूक्रेन (Russia-Ukraine War) के खिलाफ विशेष सैन्य अभियान (Special Military Operation) का ऐलान कर दिया है। इसके बाद हालात और भी खराब होंगे। रूस-यूक्रेन में जंग की गूंज दुनियाभर में पहुंच चुकी है। जिसके बाद इस बात का भी डर है कि, कहीं रूस और यूक्रेन से शुरू होने वाला युद्ध तीसरे वर्ल्ड वॉर में नहीं बदल जाए। वहीं एक्सपर्ट्स का मानना है कि, युद्ध की सूरत दुनिया में भारी नुकसान की स्थिति तो निर्माण करेगी ही साथ ही कई चीज़ों पर भारी असर भी पड़ेगा।    

    दरअसल, रूस ने यूक्रेन पर हमले की तैयारी कर ली है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को यूक्रेन में सैन्य अभियान (Ukraine-Russia War) की घोषणा की, साथ ही दावा किया कि इसका मकसद नागरिकों की रक्षा करना है। पुतिन ने टेलीविजन पर एक संबोधन में कहा कि यूक्रेन द्वारा पेश किए जा रहे खतरों के जवाब में यह कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि रूस का लक्ष्य यूक्रेन पर कब्जा करना नहीं है। पुतिन ने कहा कि खून-खराबे के लिए यूक्रेन का ‘‘शासन” जिम्मेदार है। पुतिन ने अन्य देशों को आगाह किया कि रूसी कार्रवाई में किसी प्रकार के हस्तक्षेप के प्रयास ‘‘के ऐसे परिणाम होंगे,जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखे होंगे।”

     

    पुतिन के ऐलान के बाद शेयर मार्केट में गिरावट 

     रूस के यूक्रेन में सैन्य अभियान शुरू करने की घोषणा के बाद वैश्विक शेयर बाजारों में भारी बिकवाली का असर घरेलू बाजारों पर भी हुआ। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स तथा निफ्टी 2.5 प्रतिशत से अधिक टूट गए। इस दौरान 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 1,461.35 अंक या 2.55 प्रतिशत गिरकर 55,770.71 पर आ गया, जबकि एनएसई निफ्टी 430.10 अंक या 2.52 फीसदी की गिरावट के साथ 16,633.15 पर था। 

    सेंसेक्स के सभी शेयर में भारी नुकसान

    शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स के सभी शेयर भारी नुकसान के साथ कारोबार कर रहे थे। सबसे अधिक नुकसान वाले शेयरों में एयरटेल, इंडसइंड बैंक, टेक महिंद्रा और एसबीआई शामिल थे। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में सैन्य अभियान शुरू करने की घोषणा की, जिससे दुनिया के बाजारों में भारी बिकवाली देखने को मिली। 

    क्रूड आयल आठ साल में पहली बार बढ़कर 100 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल

    यूक्रेन-रूस संकट को देखते हुए ब्रेंट क्रूड तेल आठ साल में पहली बार बढ़कर 100 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल हो गया। शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को 3,417.16 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। दरअसल यूक्रेन संकट के बीच कच्चे तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। इससे पहले मंगलवार को क्रूड ऑयल में 2.03 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई थी। इसके बाद यह भाव लगातार बढ़ा है। जानकार मानते हैं कि, कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी होगी और दाम और बढ़ सकते हैं। वहीं अगर अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल महंगा होता है तो इसका सीधा असर घरेलू बाजार पर भी पड़ेगा। जिससे भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफा भी हो सकता है। 

    भारतीय रुपये में भी दर्ज की गई गिरावट

    पुतिन द्वारा यूक्रेन में सैन्य अभियान की गुरुवार को की गई घोषणा के चलते रुपया शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 55 पैसे गिरकर 75.16 पर आ गया। रूस और यूक्रेन में पिछले दिनों से चले आ रहे तनाव के बाद पिछले दिनों में इसी तरह के आंकड़े देखने को मिले थे। मंगलवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 24 पैसे गिरकर 74.79 पर आ गया। वहीं बुधवार को शुरुआती कारोबार में 21 पैसे की बढ़त के साथ 74.63 रुपया प्रति डॉलर के भाव पर पहुंच गया। अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 74.64 रुपया प्रति डॉलर के मजबूत स्तर पर खुला। कुछ समय बाद यह थोड़ा और बेहतर होकर 74.63 रुपया प्रति डॉलर के भाव पर पहुंच गया। रिलायंस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक श्रीराम अय्यर ने कहा कि बुधवार को भारतीय मुद्रा की शुरुआत मजबूती से हुई। ब्रेंट क्रूड के भाव में एक दिन पहले की तुलना में आई नरमी से रुपये को समर्थन मिला। हालांकि अधिकांश एशियाई एवं उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्राएं अब भी अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर बनी हुई हैं। इसकी वजह यह है कि निवेशकों में फिर से सतर्कता का रुख देखा जा सकता है।

    सोना भी हुआ महंगा

    एक रिपोर्ट के मुताबिक, कमजोर वैश्विक रुख के बीच कारोबारियों ने अपने सौदों की कटान की जिससे स्थानीय वायदा कारोबार में बुधवार को सोने का भाव 315 रुपये की गिरावट के साथ 50,013 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में अप्रैल महीने की डिलीवरी के लिये सोने की कीमत 315 रुपये यानी 0.63 प्रतिशत की गिरावट के साथ 50,013 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई। इसमें 11,129 लॉट के लिये कारोबार हुआ। बाजार विश्लेषकों ने कहा कि वैश्विक बाजारों में कमजोरी के रुख को देखते हुए निवेशकों द्वारा अपने सौदों की कटान करने से सोना वायदा कीमतों में गिरावट आई। वैश्विक स्तर पर न्यूयॉर्क में सोने की कीमत 0.48 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,898.2 डॉलर प्रति औंस रह गयी। 

    और भी चीजों पर पड़ सकता है भारी असर

    एक्सपर्ट्स का मानना है कि, यूक्रेन और रूस दोनों से ही भारत के अच्छे रिश्ते हैं। वहीं अगर यूक्रेन और रूस के बीच संकट और गहराता है तो भारत का यूक्रेन और रूस के साथ कारोबारी संबंध पर भी इसका सीधा असर पड़ सकता है। एक रिपोर्ट में ट्रेडिंग इकोनॉमिक्स के आंकड़ों के हवाले से बताया गया है कि, वर्ष 2020 में यूक्रेन और भारत के बीच 1.97 बिलियन डॉलर का निर्यात हुआ था। दोनों देशों के बीच करीब 720.21 मिलियन डॉलर का आयात हुआ था। इसके अलावा इसी साल यानी वर्ष 2020 में ही भारत ने रूस को 5.94 बिलियन डॉलर और यूक्रेन को 2.12 बिलियन डॉलर का इम्पोर्ट बिज़नेस किया था। आंकड़ों से पता चलता है कि, युद्ध की सूरत में आयत और इम्पोर्ट्स दोनों पर असर पड़ सकता है।

    यूक्रेन, रूस और भारत के बीच व्यापार 

    मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2020 में यूक्रेन ने भारत से मिनेरल्स फ्यूल, तेल, मशीनरी, न्यूक्लियर रिएक्टर और बॉयलर, ऑयल शीड्स, ग्रेन शीड्स और कई तरह के फ्रूट्स मंगवाया था। वहीं रूस ने भारत से खाद, वेजिटेबल फैट्स और ऑयल के अलावा इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट्स का एक्सपोर्ट किया था।