300 New Cases of Covid-19 in Kerala
Covid-19

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    नयी दिल्ली. सुबह की अन्य बड़ी खबर के अनुसार दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में मिले कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन की अब पहली तस्वीर सामने आई है। इस तस्वीर से यह साफ़ पता चलता है कि ओमीक्रोन में कोरोना के अन्य वेरिएंट्स के मुकाबले ज्यादा म्यूटेशन्स हैं। दरअसल इटली की राजधानी रोम स्थित बम्बिनो गेसु अस्पताल ने तस्वीर के अधार पर यह अहम् जानकारी दी है।

    क्या दिखा ओमीक्रोन की तस्वीर में ?

    इस बाबत बम्बिनो गेसु अस्पताल में रिसर्च करने वाली टीम ने कहा कि तस्वीर में ‘हम स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि ओमीक्रोन वेरिएंट डेल्टा वेरिएंट की तुलना में कई अधिक उत्परिवर्तन (म्यूटेशन्स) है। यह प्रोटीन के एक क्षेत्र में सबसे ऊपर केंद्रित है, जो मानव कोशिकाओं के साथ इंटरेक्ट भी करता है”

    ओमीक्रॉन: कम खतरनाक या ज्यादा

    इस बाबत शोधकर्ताओं ने बताया, इसका यह मतलब कतई नहीं है कि ये विविधताएं ज्यादा खतरनाक हैं, वायरस ने बस एक और प्रकार उत्पन्न करके मानव प्रजातियों को ज्यादा अनुकूल बनाया है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि, इसके बारे में अन्य अध्ययन हमें बताएंगे कि यह कम खतरनाक या ज्यादा।

    क्या डेल्टा से ज्यादा खतरनाक है ओमीक्रोन?

    विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि अभी यह ‘‘स्पष्ट नहीं है” कि क्या कोरोना वारयस (Corona Virus) का नया स्वरूप ‘ओमीक्रोन'(Omicron) , डेल्टा स्वरूप समेत अन्य स्वरूपों की तुलना में अधिक संक्रामक है और क्या यह अपेक्षाकृत अधिक गंभीर बीमारी का कारण है। डब्ल्यूएचओ ने कहा, ‘‘इस बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है, जो यह बताती हो कि ओमीक्रोन से जुड़े लक्षण अन्य स्वरूपों की तुलना में अलग हैं।”

    ओमीक्रोन : वैक्सीन करेगी कितना असर ?

    इसके साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा, “फिलहाल WHO कोरोना की वैक्सीन पर इस वेरिएंट के संभावित प्रभाव को समझने के लिए तकनीकी भागीदारों के साथ काम कर रहा है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ‘ओमीक्रोन’ ज्यादा गंभीर बीमारी का कारण बनता है या नहीं। हालाँकि हम टीकाकरण में समानता लाने में जितनी देरी करेंगे, हम कोविड-19 को उतना ही फैलने, उतने ही स्वरूप बदलने तथा और अधिक खतरनाक बनने की अनुमति देंगे।” 

    दक्षिण अफ्रीका में मिला था पहला मामला

    गौरतलब है कि ओमिक्रोन वेरिएंट के पहले मामले की पुष्टि बीते 24 नवंबर को हुई थी। इस वायरस के सबसे पहले मरीज की पहचान दक्षिण अफ्रीका में ही हुई थी। इसके बाद से ही कई देश ओमिक्रोन के प्रसार को रोकने के लिए हर संभव कोशिश में जुटे हुए हैं। इसी क्रम में दक्षिण अफ्रीकी देशों से उड़ानों पर भी प्रतिबंध लग चुका है।