नई दिल्ली. रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine) के बीच जारी खौफनाक जंग के बीच, जहां रूस की एक मिसाइल यूक्रेन बॉर्डर के पास NATO के सदस्य देश पोलैंड (Poland) में गिर गई है। वहीं मिली खबर के मुताबिक, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने पोलैंड पर रूस की मिसाइल गिरने के बाद वहां के राष्ट्रपति से बात की है।
इसके साथ ही उन्होंने, इस हमले में मारे गए निर्दोष दो पोलैंड नागरिकों की मौत पर अपना शोक जताया है। उन्होंने कहा है कि, पोलैंड के राष्ट्रपति से उनकी बात चल रही है। इसके लिए बाकायदा विवेचना और तथ्य भी पुष्ट किए जा रहे हैं। अब पूरी दुनिया को इस आतंकी रूस से बचाना होगा।
Had a call with Poland Prez Andrzej Duda. Expressed condolences over death of Polish citizens from Russian missile terror. We exchanged available info & are clarifying facts. Ukraine, Poland, all Europe & world must be fully protected from terrorist Russia: Ukraine Prez Zelenskyy pic.twitter.com/2c2rzdjqh6
— ANI (@ANI) November 16, 2022
उधर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने नाटो कि बैठक के बाद, बुधवार को कहा कि इस बात की इसकी ‘संभावना कम’ है कि रूस ने नाटो सहयोगी पोलैंड में मिसाइल दागी, जिसकी चपेट में आने से दो लोगों की मौत हो गई। हालांकि, उन्होंने कहा कि वह पोलैंड की जांच का समर्थन करेंगे, जिसने मिसाइल को ‘रूस निर्मित’ बताया है। बाइडन ने कहा, “मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि वास्तव में जो भी हुआ है, उसका पता चले। इसके बाद ही हम आगे की रणनीति तय कर पाएंगे।” अपने होटल के एक बॉलरूम में बाइडन ने यह बैठक की। इसमें जी7 के नेता और नाटो सहयोगी स्पेन और नीदरलैंड के प्रधानमंत्री भी शामिल हुए।
There were scores & scores of missile attacks in western Ukraine. We support Ukraine fully at this moment, as we have since the start. We will do whatever it takes to give them the capacity to defend themselves: US President Joe Biden pic.twitter.com/HCGe1u5mc6
— ANI (@ANI) November 16, 2022
गौरतलब है कि ‘नाटो’ के सहयोगी पोलैंड ने कहा था कि एक ‘रुसी’ मिसाइल यूक्रेन सीमा के पास देश के पूर्वी हिस्से में गिरी, जिसकी चपेट में आने से उनके देश के दो लोगों की मौत हो गई। इसके बाद बाइडन ने इंडोनेशिया में जी7 और नाटो देशों के नेताओं की एक ‘आपात’ बैठक बुलाई थी। G7 में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ शामिल हैं।