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नई दिल्ली: जहां एक तरफ रूस (Russia) में आज से राष्ट्रपति पद के चुनाव शुरू हो चुके हैं। वहीं यहां चुनाव के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब एक दिन की जगह रूस में तीन दिन तक चुनाव चलेंगे। यहां 18 साल से ज्यादा की उम्र वाला ऐसा रूसी नागरिक जो अब तक किसी क्रिमिनल केस में जेल की सजा न काट रहा हो, वो मतदान कर सकता है। चुनाव के नतीजे मॉस्को (Moscow) के के दिन और समय के मुताबिक, 17 मार्च की रात तक जारी हो सकते हैं।

1.23 करोड़ मतदाता

इस बार रूस के चुनाव आयोग के मुताबिक देश में कुल जमा 1.23 करोड़ मतदाता हैं। इन वो लोग भी शामिल हैं जो रूसी कब्जे वाले यूक्रेनी क्षेत्र के नागरिक भी शामिल हैं। इसके अलावा करीब 19 लाख वोटर फिलहाल देश से बाहर रहते हैं। हालांकि इस बार रूस में ऑनलाइन वोटिंग की भी सुविधा रहेगी। यह सुविधा रूस के 27 क्षेत्रों और क्रिमिया में होगी। क्रिमिया यूक्रेन का वही क्षेत्र है, जिस पर रूस ने साल 2014 में अपना कब्जा जमा लिया था।

पुतिन को फिर से राष्ट्रपति बनना तय 

इधर अधिकतर विदेशी मीडिया और खासकर न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, चुनाव से पहले ही पुतिन (Vladimir Putin) को फिर से राष्ट्रपति बनना तय माना जा रहा है। दरअसल, पुतिन बीते 24 साल से रूसी की सत्ता पर काबिज हैं। पुतिन के ज्यादातर विरोधी इस वक्त या तो जेल में है या फिर चुनाव आयोग ने उन्हें इलेक्शन के लिए अयोग्य ही घोषित कर दिया है।

क्या 2036 तक पुतिन ही रहेंगे रूस के राष्ट्रपति 

इसके अलावा खुद पुतिन ने साल 2021 में एक ऐसा अजीबोगरीब कानून बनाया था जिसके तहत वो 2036 तक रूस के राष्ट्रपति बने रह सकते हैं। जानकारी दें कि, साल 2018 के चुनावों तक रूस में कोई भी राष्ट्रपति लगातार 2 कार्यकाल से ज्यादा समय तक राष्ट्रपति नहीं रह सकता था। इसके चलते साल 2000 से 2008 तक राष्ट्रपति रहने के बाद पुतिन ने 2008 में राष्ट्रपति पद का चुनाव नहीं लड़ा था।

इसके बाद वो साल 2012 में वे फिर से रूस की सत्ता में लौटे थे। हालांकि, 2008-12 तक पुतिन रूस के प्रधानमंत्री रह चुके थे, यानी तब भी सत्ता की चाबी उनकी जेब में ही थी। इसके बाद पारित हुए नए कानून के मुताबिक लगातार 2 बार राष्ट्रपति कार्यकाल पूरा करने के बाद भी पुतिन अब भी चुनाव लड़ सकते हैं।