Shrilanka Crisis

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    कोलंबो: आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में हालत बेहद बिगड़ गए हैं। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के सरकारी आवास पर कब्ज़ा कर लिया है। लोगों का गुस्सा देखते हुए राष्ट्रपति गोटबाया पहले ही आवास छोड़कर भाग गए हैं। प्रदर्शनकारी लगातार उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। हालांकि, वह कहां भागे हैं इसकी कोई जानकारी सामने नहीं आई है। वहीं प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने पद से इस्तीफा दे दिया है। 

    प्रधानमंत्री के मीडिया प्रभाग ने कहा कि सर्वदलीय सरकार बनने और संसद में बहुमत साबित होने के बाद वह प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देंगे। उनके कार्यालय ने कहा कि विक्रमसिंघे तब तक प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे। विक्रमसिंघे ने पार्टी नेताओं से कहा कि वह इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए पद छोड़ने का निर्णय ले रहे हैं कि इस सप्ताह से देशव्यापी ईंधन वितरण दोबारा शुरू किया जाना है, विश्व खाद्य कार्यक्रम के निदेशक इस सप्ताह देश का दौरा करने वाले हैं और आईएमएफ के लिए ऋण निरंतरता रिपोर्ट को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाना है।

    पार्टी के हर फैसले को मानने से इनकार 

    जनता के प्रदर्शन को देखते हुए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे इस्तीफा देने के लिए तैयार हो गए हैं। उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा कि, मैं इस्तीफा देने को तैयार हूँ और पार्टी जो फैसला लेगी और कहेगी उसे मानने के लिए तैयार हैं।”

    पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प 

    राष्ट्रपति भवन को घेरने के लिए बड़ी संख्या में प्रदर्शनकरी पहुंचे। इस प्रदर्शन में पूर्व क्रिकेटर सनाथ जयसूर्या में भी मौजूद थे। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई, जिसमें कई लोग घायल हो गए हैं। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले भी फेंके।

    श्रीलंका दिवालिया घोषित 

    श्रीलंका में पिछले कई महीनों से आर्थिक संकट से जूझ रहा है। देश में महंगाई आसमान को छू कर पार कर गई है। पेट्रोल-डीजल, खाने-पीने की वस्तुओं की बेहद कमी हो गई है, वहीं उनकी कीमत जनता के हाथ से बाहर निकल चुकी है। इसी को लेकर पिछले तीन महीने से श्रीलंका के नागरिक लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी बीच शुक्रवार को प्रधानमंत्री रानिल ने देश को दिवालिया घोषित कर दिया है।