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    जोहानिसबर्ग. इंटरपोल (Interpol) ने भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे अतुल और राजेश गुप्ता (Atul Gupta-Rajesh Gupta) के खिलाफ सोमवार को रेड नोटिस (Red Notice) जारी किया। दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने करीब सात महीने पहले इसका अनुरोध किया था। हालांकि, उनकी पत्नियों आरती और चेताली गुप्ता के खिलाफ रेड नोटिस जारी नहीं किया गया। एक रेड नोटिस सभी इंटरपोल सदस्य देशों को आगाह करता है कि यह व्यक्ति एक वांछित भगोड़ा है, लेकिन यह गिरफ्तारी वारंट के बराबर नहीं है।

    हालांकि, इससे आरोपी को प्रत्यर्पित करने की कार्रवाई को मजबूती मिलती है। अतुल, राजेश और उनके बड़े भाई अजय पर यह आरोप है कि दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा से अपनी कथित करीबी का फायदा उठाते हुए उन्होंने सरकारी निगमों में अरबों रैंड की हेराफेरी की। गुप्ता परिवार मूल रूप से भारत के उत्तर प्रदेश के सहारनपुर का रहने वाला है।

    दक्षिण अफ्रीका की कई कम्पनियों की कमान उनके हाथों में है। माना जा रहा है कि वे अपने परिजन के साथ दुबई में स्व-निर्वासन में हैं। गुप्ता परिवार के कुछ सदस्य कथित तौर पर भारत में हैं। दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रीय अभियोजन प्राधिकरण (एनपीए) कई वर्ष से गुप्ता बंधुओं को प्रत्यर्पित करने का प्रयास कर रहा है। न्याय मंत्री रोनाल्ड लामोला ने इस कदम को ‘‘सकारात्मक” बताया और कहा कि उम्मीद है कि इससे न्याय को अपना काम करने की अनुमति मिलेगी। वेबसाइट स्थानीय समाचार वेबसाइट के अनुसार, गुप्ता बंधुओं के वकीलों ने उन्हें रेड नोटिस जारी किए जाने की पुष्टि की है, हालांकि उन्होंने कहा कि वे इन नोटिस को चुनौती देंगे।