कोलंबो: श्रीलंका में आर्थिक संकट विकराल रूप ले चूका है। बढ़ती महंगाई और दैनिक जरूरतों की वस्तुओं की घटती उपलब्धता और आसमान छूती कीमतों से परेशान जनता के सब्र का बांध टूट गया। शनिवार को लाखों की संख्या में नागरिकों ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के सरकारी आवास पर धावा बोल दिया और उसपर कब्ज़ा कर लिया। जनता के गुस्से को देखते हुए गोटबाया पहले ही आवास छोड़कर किसी अज्ञात जगह पर चले गए हैं। एक ओर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया है। वहीं दूसरी तरफ जनता के लिए राष्ट्रपति भवन जनता के लिए नया घूमने का स्थान बन गया है। बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं और भवन के अंदर मौजूद चीजों का इस्तेमाल करते दिख रहे हैं साथ ही सेल्फी भी ले रहे हैं।
#WATCH | Protestors tour the grounds, have lunches at Presidential palace in Colombo, Sri Lanka
We are free of corruption now, it is peaceful. Came here to celebrate with family, children. We are all having lunch here in the Presidential palace: A local pic.twitter.com/iIz8YceW6C
— ANI (@ANI) July 10, 2022
स्विमिंग पुल में नहाते दिख रहे लोग
प्रदर्शनकारियों ने जब से राष्ट्रपति भवन में कब्ज़ा किया गया। वहां लगातार वीडियो सामने आ रहे हैं। जिसमें प्रदर्शनकारी भवन के अंदर मौजूद वस्तुओं का इस्तेमाल करते दिख रहे हैं। आवास के अंदर मौजूद स्विमिंग पुल में भी बड़ी संख्या में लोग नहाते दिखाई दिए। इसी के साथ राष्ट्रपति के बेडरूम में मौजूद बिस्तर पर सोते और आराम करते भी दिखाई दिए।
जिम करते दिखे लोग
बड़ी संख्या में लोग भवन के अंदर मौजूद जिम के अंदर पहुंच कर उपकरणो का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसी के साथ कई किचन में खाना बनाते और गार्डन में खाना खाते दिखे। इसी के साथ राष्ट्रपति सचिवालय के अंदर मौजूद महँगी गाड़ियों के साथ तस्वीर लेते हुए दिखे।
#WATCH | Protestors tour grounds, have lunches, enjoy gym-time at Presidential palace in Colombo, Sri Lanka pic.twitter.com/yUqtracq8t
— ANI (@ANI) July 10, 2022
13 जुलाई को गोटबाया देंगे इस्तीफा
देश में आए आर्थिक संकट को लेकर जनता पुछले तीन महीने से सड़कों पर हैं। अपने देश पर आए इस संकट को लेकर वह राजपक्षे परिवार को जिम्मेदार मानती है। वह लगतार राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से इस्तीफे की मांग कर रहे थे, लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं थे। आखिर में जनता ने उग्र रूप अपनाते हुए राष्ट्रपति सचिवालय पर हल्ला बोल दिया। इसके बाद अब गोटबाया ने 13 जुलाई को इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है। इसके पहले प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं।