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नई दिल्ली: श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे (Sri Lankan President Ranil Wickremesinghe) 21 जुलाई को भारत की आधिकारिक यात्रा पर आ रहे हैं जिसमें दोनों देश सम्पर्क बढ़ाने और विभिन्न क्षेत्रों में आपसी लाभ आधारित सहयोग बढ़ाने पर चर्चा करेंगे। विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे 21 जुलाई को भारत की आधिकारिक यात्रा पर आ रहे हैं।”

मंत्रालय ने कहा कि वर्तमान दायित्व संभालने के बाद राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की यह पहली भारत यात्रा होगी।  बयान के अनुसार, इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति विक्रमसिंघे नयी दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भेंट करेंगे और आपसी हितों से जुड़े विविध विषयों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं अन्य गणमान्य लोगों के साथ चर्चा करेंगे। 

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत की ‘पड़ोस प्रथम नीति’ और ‘सागर दृष्टिकोण’ में श्रीलंका एक महत्वपूर्ण साझेदार है। इसमें कहा गया है कि यह यात्रा दोनों देशों की दीर्घकालिक मित्रता की पुष्टि करेगी और सम्पर्क बढ़ाने और विभिन्न क्षेत्रों में आपसी लाभ आधारित सहयोग को विस्तार देने के रास्ते तलाशने का अवसर प्रदान करेगी।  

विक्रमसिंघे की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब श्रीलंका की कमजोर अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दिख रहे हैं। विदेशी मुद्रा की भारी कमी के कारण श्रीलंका 2022 में वित्तीय संकट की चपेट में आ गया था। उसे 1948 में ब्रिटिश हुकूमत से आजादी के बाद सबसे बड़े आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा है।

श्रीलंका ने पिछले साल अप्रैल के मध्य में पहली बार कर्ज अदा न कर पाने की घोषणा की थी। इस साल मार्च में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने उसे 2.9 अरब अमेरिकी डॉलर का राहत पैकेज दिया था। इस दौरान भारत ने ‘पड़ोस प्रथम’ की अपनी नीति के तहत विभिन्न माध्यमों से श्रीलंका को लगभग चार अरब डॉलर की मदद दी थी। (एजेंसी)