CPC annual meeting, expected to be discussed about the political situation created after the US election
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    बीजिंग. ताइवान और चीन के पुन: एकीकरण की जोरदार वकालत करते हुए चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने शनिवार को कहा कि ‘ताइवान प्रश्न’ का मुद्दा सुलझाया जाएगा और इसमें ‘ किसी विदेशी हस्तक्षेप’ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शी की यह टिप्पणी चीन द्वारा लगातार चार दिन ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में बड़ी संख्या में युद्धक विमान भेजे जाने के बाद आई है। ताइवान खुद को एक संप्रभु राज्य मानता है लेकिन चीन इसे एक अलग प्रांत के स्वायत्तशासी द्वीप के रूप में देखता है।

    चीन ने एकीकरण करने के लिए संभावित बल के इस्तेमाल से इनकार नहीं किया है। शी ने एक आधिकारिक उत्सव के मौके पर यहां के ग्रेट हॉल में कहा कि चीन के पुन:एकीकरण के रास्ते में ‘ताइवन स्वतंत्रता’ बल मुख्य बाधक है। वह चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के महासचिव भी हैं । उन्होंने कहा कि ताइवन का प्रश्न चीनी राष्ट्र की कमजोरी और अराजक स्थिति की वजह से पैदा हुआ और इसे सुलझाया जाएगा ताकि पुन:एकीकरण वास्तविकता बन सके। शी ने कहा, ‘’ यह चीनी इतिहास की सामान्य प्रवृत्ति से निर्धारित होता है, लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह सभी चीनियों की सामान्य इच्छा है।” वर्ष 1911 में हुये चीनी क्रांति की 110 वीं वर्षगांठ के मौके पर इस उत्सव का आयोजन किया गया था । चीनी क्रांति के बाद किंग राजवंश को सत्ता से बाहर कर सन यात सेन के नेतृत्व में चीनी गणराज्य की स्थापना की गई। वहीं 10 अक्टूबर को ताइवान में राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है। चीन और ताइवान के शासन पद्धति में भी अंतर है।

    चीन में एक दलीय शासन प्रणाली है जबकि ताइवान में बहुदलीय लोकतंत्र है। शी 2012 में देश की सत्ता पर काबिज हुए और चीन का कायाकल्प किया और चीनी सपने को पूरा किया तथा चीन के मुख्य हिस्से में ताइवान को जोड़ना उनके मुख्य लक्ष्यों में से एक है। पिछले सप्ताह ताइवान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआईजेड) में 150 युद्ध विमान घुस गए थे, जिसको लेकर अमेरिका ने गहरी चिंता व्यक्त की। इस घटनाक्रम के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने शी को याद दिलाया कि पिछले महीने फोन पर हुई बातचीत के दौरान उन्होने ‘ताइवान समझौते’ का पालन करने पर सहमति जताई थी।

    शी ने अपने संबोधन में कहा कि ताइवान का प्रश्न चीन का आंतरिक मामला है और इसमें किसी विदेशी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शी ने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से एकीकरण ताइवान के हमवतन समेत संपूर्ण चीनी राष्ट्र के हित में है। ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन ताइवान की स्वतंत्रता की समर्थक हैं। शी ने कहा कि वे लोग जो स्वतंत्रता की वकालत कर रहे हैं, वे इतिहास की नजर में दोषी रहेंगे।(एजेंसी)