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दुनिया में सबसे नई मुद्रा का प्रचलन जिम्बाब्वे ने शुरू किया है. इसका मकसद मौजूदा आर्थिक बदहाली से देश को उबारना है. जिम्बाब्वे ने इसके लिए जिग नाम की मुद्रा का चलन शुरू किया है.

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नई दिल्ली/हरारे: जिम्बाब्वे (zimbabwe) ने अब विश्व की सबसे नई मुद्रा पेश की है। देश को आर्थिक बदहाली से उबरने के मकसद से जिम्बाब्वे ने बीते मंगलवार को एक नयी मुद्रा ‘जिग’ (Zig) का प्रचलन शुरू कर दिया है। इस मुद्रा को यहां की पुरानी मुद्रा की जगह लाया गया है, जो मूल्यह्रास और लोगों का भरोसा खत्म हो जाने से प्रभावित हुई है।

हालाँकि अप्रैल की शुरुआत में जिग को इलेक्ट्रॉनिक रूप से भी पेश किया गया था, लेकिन अब यहांके स्थानीय लोग बैंकनोट और सिक्कों के रूप में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। यह दक्षिणी अफ्रीकी देश की लंबे समय से चल रहे मुद्रा संकट को रोकने की ताजा कोशिश है। दरअसल अफ्रीकी देश जिम्बाब्वे ने हाल के महीनों में कीमतों में ‎गिरावट और बढ़ती मुद्रास्फीति से निपटने के लिए हाल ही में नई मुद्रा अपनाने की घोषणा की। इस बाबत जिम्बाब्वे का मानना है कि, देश में वर्षों से चले आ रहे मुद्रा संकट पर रोक लगाई जा सकती है।

इस नई मुद्रा को जिग कहा गया है और यह सोने के भंडार और प्रमुख विदेशी मुद्राओं पर आधारित है। दरअसल इसके पहले मौजूदा मुद्रा जिम्बाब्वे डॉलर हाल के हफ्तों में लगातार दबाव में थी, जिससे यह दुनिया की सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्राओं में से एक बन चुकी थी। जनवरी से अप्रैल तक जिम्बाब्वे डॉलर में 70% ‎गिरावट आ चुकी थी। आधिकारिक आंकड़ों की मानें तो अफ्रीकी देश में मुद्रास्फीति बीते साल दिसंबर के 26.5% से बढ़कर इस साल जनवरी में 34.8% हो गई थी। यह मार्च में और भी बढ़कर 55.3% हो गई थी।

हालाँकि यहां की सरकार ने पहले जिम्बाब्वे डॉलर को बदलने के लिए विभिन्न विचार पेश किए थे, जिसमें मुद्रास्फीति को रोकने के लिए सोने के सिक्के और एक डिजिटल मुद्रा को लाने जैसे विकल्प शामिल थे। जिग, जिम्बाब्वे गोल्ड का संक्षिप्त रूप है और देश के स्वर्ण भंडार द्वारा समर्थित है। हालांकि, इसके बावजूद लोग इस पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं।

हद तो यह है कि, जनता से परे कुछ सरकारी विभागों ने भी इसे स्वीकार करने से साफ़ इनकार कर दिया है। जिग छठी मुद्रा है, जिसका उपयोग जिम्बाब्वे ने 2009 में जिम्बाब्वे डॉलर के पतन के बाद से किया है। इस संकट से निपटने के लिए पहले अमेरिकी डॉलर को वैध मुद्रा का दर्जा दिया गया, फिर उस पर प्रतिबंध लगाया गया और फिर प्रतिबंध हटाया गया था।

जिम्बाब्वे के लोग अभी भी जिग को लेने से इनकार कर रहे हैं। उन्हें अमेरिकी डॉलर अभी भी सुरक्षित लग रहा है। सरकार ने गैस स्टेशनों जैसे कुछ व्यवसायों को जिग को स्वीकार करने से मना करने की अनुमति दी है। वहीं पासपोर्ट विभाग जैसे कुछ सरकारी कार्यालय भी केवल अमेरिकी डॉलर स्वीकार कर रहे हैं।