बलीराजा चेतना अभियान बंद करने से आघाडी सरकार का विवाद चौराहे पर: बीजेपी जिलाध्यक्ष नितीन भुतडा

Loading

यवतमाल.  किसानों की फिक्र होने का ड्रामा कर रही महाविकास आघाडी सरकार का सच्चा चेहरा लोगों सामने आया है. कृषिपुत्र के लिए महत्वकांक्षी बलीराजा चेतना अभियान  योजना बंद करने का निर्णय क्लेशदायक है. जिससे आघाडी सरकार का किसानों के प्रती  प्रेम भतीजा मौसी जैसा होने की बात उजागर हुई है, ऐसा मत  भाजपा के  यवतमाल जिलाध्यक्ष नितीन भुतडा ने व्यक्त किया. किसानों के लिए  पूरक तथा प्रेरक ऐसी बलीराजा चेतना अभियान योजना फडणवीस सरकार के काल में शुरू हुई थी.

किसानों की आत्महत्या रोकने के लिए  फडणवीस सरकार ने यह महत्वकांक्षी योजना शुरू की थी. विदर्भ के  यवतमाल और मराठवाडा के उस्मानाबाद जिले में  प्रायोगिक तत्त्व पर यह योजना शुरू की गई थी. 2015 में फडणवीस सरकार ने बलीराजा चेतना अभियान योजना तयार की. राज्य के  किसान आत्महत्याग्रस्त 14 जिलो में से उस्मानाबाद और यवतमाल इस दो जिलो में यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाई गई. बलीराजा चेतना योजना पर  उस्मानाबाद जिले के लिए 48 करोड और यवतमाल जिले के लिए 45 करोड रू.  खर्च किए गए है.

नैराश्यग्रस्त किसानों की खोज करना, उनमें जिने की उम्मीद  निर्माण करना, सामुहिक विवाह को सहायता करना, नुक्कड नाट्य, फिल्म द्वारा किसानों का मनोबल बढाना और उन्हे आत्महत्या करने से रोकना ऐसा इस योजना का स्वरुप था.  इस योजना के तहत कई किसान, जरूरतमंद लोगों के कन्याओं के विवाह सामूहिक विवाह संमेलन में हुए है. हजारों किसानों को इस योजना का लाभ मिला.इस योजना के माध्यम से प्रबोधन करनेवाले कलाकार, प्रबोधनकार और समाजसेवी को  प्रोत्साहन मिला. एक मुहिम के रूप में यह योजना कार्यान्वित थी, लेकिन फडणवीस सरकार के निर्णय को  स्थगिती देनेवाली महाभकास आघाडी के महास्थगिती सरकार ने अच्छे निर्णय को स्थगित करने की मुहिम चलाई है. 

क्यों चुप है पालकमंत्री?
शिवसेना के नेता तथा विद्यमान पालकमंत्री संजय राठोड यह  पालकमंत्री थे तब युती सरकार ने यह योजना शुरू की थी. उस समय दस्तुरखुद्द संजय राठोड ने इस योजना की काफी तारीफ की थी. यह योजना जिले के लिए नवसंजीवनी होने की बात वे मिडीया से कहते थे. आज जिले की यह योजना बंद हुई है तो  पालकमंत्री ने क्यु चुप है ऐसा सवाल भी भाजप के  जिलाध्यक्ष नितीन भुतडा ने किया है. साथही उक्त निर्णय पर सरकार फिर से विचार करें ऐसी मांग भी उन्होने की है.