यवतमाल. कोरोना की वजह से पानटपरी चालक समेत छोटे व्यावसायी दिक्कतों में है. दूकानें बंद होने से गुजारा कैसे करें, यह समस्या उन्हें सता रही है. इस संदर्भ में सैकड़ों पानटपरी चालकों ने जिलाधिकारी कार्यालय में पहुंचकर ज्ञापन सौंपा.
शिष्टमंडल ने बताया कि लॉकडाउन के चलते पानठेला चालक, चाय, कैंटिन, होटल चालक, आटो चालक, झुनका भाकर केंद्र चालकों पर भुखमरी की नौबत आई है. कोरोना महामारी की वजह से सभी छोटे व्यावसायी बेरोजगार हुए हैं. दूकान का किराया, बैंक की किश्त, बचत गुट का कर्ज, वाहन कर्ज, इलेक्ट्रिक बिल, बच्चों की शिक्षा आदि समस्याओं से सभी त्रस्त है.
वंचित बहुजन आघाड़ी के नेतृत्व में जिलाध्यक्ष जितेश राठोड, पानशॉप एसोसिएशन के अध्यक्ष श्रीकांत मिरासे, उपाध्यक्ष राहुल ढले, सचिव सूर्यकांत सावदे, प्रथमेश कपुले, कोषाध्यक्ष पप्पू चौकडे ने व्यवसाय शुरू करने का निर्णय लिया. इस समय वंचित बहुजन आघाड़ी के उपाध्यक्ष धनंजय गायकवाड, शैलेश भांवने, लक्ष्मीकांत लोलगे, शहर अध्यक्ष लक्ष्मण पाटिल, राजा तलवारे, प्रसेजनजीत भवरे, सचिव शिवदास कांबले, विवेक वाघमारे, विनोद बिसेन, सुरेश बिसेन, रोशन गजभिये, दुर्गेश कवाडे, राजेश यादव, राजू सच्चदिवे आदि उपस्थित थे.