Schools will start in rural areas of Thane district from January 27

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नेर. विगत नौ महीने से पूरे देश में कोरोना महामारी का कहर शुरू है. जिसकी वजह से देश के सभी स्कूल, कालेज, निजी क्लासेस समेत उद्योग धंदे बंद की वजह से नुकसान में गए. लॉकडाउन की वजह से मार्केट, मंदिर, सरकारी कार्यालय सभी बंद थी. अब अनलाक प्रक्रिया में एक-एक करके सभी खुल रहा है. 23 नवंबर से स्कूल, महाविद्यालय खुलेंगे. इस वजह से सभी हरकत में आकर सुरक्षा का लिहाज करते हुए शिक्षकों को कोरोना टेस्ट अनिवार्य की गई है. शिक्षकों का ठिक, लेकिन विद्यार्थियों को कैसी सुरक्षा प्रदान करेंगे? ऐसा सवाल अभिभावकों द्वारा उपस्थित किया जा रहा है.

कोरोना की लस अभी तक आयी नहीं, इस वजह से बच्चों के साथ बडे बुजुर्गों की जान को भी खतरा बरकरार है. जिले में 3400 शिक्षकों की कोरोना टेस्ट हुई है. स्कूल शुरू होने के पूर्व प्रशासन ने लिए हुए सुरक्षा का यह सही कदम उठाया है. लेकिन विद्यार्थियों के लिए क्या उपाय योजना है? यह संभ्रम कायम है. नगर परिषद स्कूल परिसर के केंद्रों में हर दिन सौ से अधिक टेस्ट हो रही है, जिसमें शिक्षक तथा शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की भीड हो रही है. नंबर लगने के कारण वादविवाद भी हो रहे है. नेर में ऐसा वाक्या हुआ है. जिसमें शिक्षक तथा स्वास्थ्य कर्मी में शाब्दिक विवाद तथा धक्कामुक्की हुइ है.

स्कूल शुरू होने के पहले शिक्षक तथा शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को कोरोना टेस्ट करने के आदेश दिए है. इस वजह से कोविड टेस्ट केंद्र में भीड हो रही है. कुछ गलतफहमी की वजह से कल सेंटर में शाब्दिक विवाद हुआ होंगा, किसीने इसकी लिखित शिकायत नहीं की है. जिससे कोई कार्रवाई नहीं हुई. 

– मंगेश देशपांडे, गटशिक्षाधिकारी, नेर.