डा. प्रा. निवृत्ति पिस्तुलकर सम्मानित

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आर्णी. स्थानीय भारती महाविद्यालय में विद्यादान का पवित्र कार्य करनेवाले प्रा. निवृत्ति पिस्तुलकर को समाज, विज्ञान विद्याा शाखा के तहत अर्थशास्त्र इस विषय में ‘पश्चिम विदर्भ में परमाणु व्यापार का अर्थशास्त्र’ (अवधि 2000 ते 2010) शोध प्रबंध संत गाडगेबाबा अमरावती विश्वविद्यालय में प्रस्तुत किया था. परीक्षकों ने सावधानीपूर्वक जांच की और शोध कार्य को स्वीकार करने के लिए सहमत हुए. अनुसंधान ने तुलनात्मक रूप से और चिकित्सकीय रूप से पेशेवरों की आर्थिक, सामाजिक, शैक्षिक और स्वास्थ्य स्थिति का अध्ययन किया है, जो नाभिक समाज की उत्पत्ति से लेकर जाति व्यवस्था तक, नाभिक प्रणाली के स्थान से लेकर पारंपरिक हेयरड्रेसिंग से लेकर वर्तमान हेयर पार्लर का व्यवसाय करनेवाले नाभिक समुदाय की आजीविका का मुख्य स्रोत सैलून व्यवसाय है. 

विश्वविद्यालय ने व्यवसाय की वर्तमान वित्तीय स्थिति पर गहन शोध के लिए प्रा. पिस्तुलकर को ‘आचार्य’ उपाधि प्राप्त करने के उपलक्ष्य में उन्हें गौरान्वित किया गया. महाराष्ट्र नाभिक महामंडल जिला यवतमाल की ओर से प्रा. पिस्तुलकर की सफलता पर सत्कार श्री संत सेना महाराज संस्थान आर्णी में हाल ही में किया गया. उनका जिलाध्यक्ष शशिकांत उर्फ डुड्डजी नक्षणे ने शाल, श्रीफल, व महाराज की प्रतिमा देकर सम्मानित किया. इस अवसर पर आचार्य उपाधि प्राप्त करनेवाले प्रा. पिस्तुलकर ने परमाणु समुदाय के लिए एक अलंकरण हैं और उनका अनुसंधान अगली पीढ़ी के लिए एक अमूल्य मार्गदर्शक होगा, ऐसे अपने परिचयात्मक संबोधन में जिला सरचिटणीस अंबादास धामोरे ने व्यक्त किया. कार्यक्रम को प्रमुख अतिथि के रूप में जिला संगठक शेखर वानखेडे, सोने, महेश हरसुलकर, नागेश्वर निबालकर, दत्ता कदम, सुधाकर चिटेकर, अजय धांडे व गणमान्य आदि ने सामाजिक दूरी का पालन कर कार्यक्रम मनाया. कार्यक्रम का संचालन जिला कार्याध्यक्ष पुंडलिक कुबडे ने तो आभार प्रकाश मादेशवार ने माना.