Sanjay rathod

  • जिला आपातकालीन हस्तक्षेप केंद्र का उद्घाटन

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यवतमाल. ग्रामीण के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में, 0 से 6 वर्ष की आयु के कुछ बच्चों में जन्म दोष और विभिन्न रोग होते हैं. हालांकि, उनके शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास में बाधा आती है क्योंकि वे जल्दी नजर नहीं आते हैं. राज्य के वन मंत्री, भूकंप पुनर्वास और जिला पालकमंत्री संजय राठोड ने कहा कि ऐसे बच्चों का शीघ्र निदान किया जाएगा और उन्हें जिला गहन चिकित्सा इकाई के माध्यम से सबसे अच्छा इलाज दिया जाएगा. वे वसंतराव नाइक गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में स्थापित जिला आपातकालीन हस्तक्षेप केंद्र का उद्घाटन करते हुए बोल रहे थे.

इस अवसर पर, जिप अध्यक्ष कालिंदा पवार, नगराध्यक्ष कांचन चौधरी, स्वास्थ्य और शिक्षा सभापति श्रीधर मोहड, जिलाधिकारी एम. देवेंद्र सिंह, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. श्रीकृष्ण पांचाल, जिला पुलिस अधीक्षक डा. दिलीप पाटिल भुजबल, मेडिकल कॉलेज के डीन डा. मिलिंद कांबले, जिला सर्जन तरंगतुषार वारे, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. हरि पवार भी मौजूद थे.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जिला आपातकालीन हस्तक्षेप केंद्र का उद्घाटन करते हुए मुझे बहुत खुशी है, पालकमंत्री श्री ने कहा. राठौड़ ने कहा कि यहां के डॉक्टरों की जिम्मेदारी है कि वे 0 से 6 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों में जन्म दोष का इलाज करें और उन्हें समग्र रूप से विकसित करें. इसलिए, यह केंद्र बहुत महत्वपूर्ण है और इससे बच्चों और उनके माता-पिता को राहत मिलेगी. कई छोटे बच्चों को समय पर उचित उपचार की आवश्यकता होती है.

बच्चों में जन्म दोषों की पहचान और निदान करके, एक स्वस्थ पीढ़ी बनाई जा सकती है. स्वस्थ जीवन जीने के लिए इस केंद्र की भूमिका महत्वपूर्ण है. इस केंद्र द्वारा सर्वोत्तम गुणवत्ता की सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए. यदि कोई समस्या या उपकरण की कमी है, तो उन्हें तुरंत सूचित किया जाना चाहिए. अभिभावक मंत्री ने भी गवाही दी कि जिला मध्यवर्ती हस्तक्षेप केंद्र के लिए धन कम नहीं होगा.

जिलाधिकारी श्री. सिंह ने कहा, ‘बच्चों की मानसिक और शारीरिक बीमारियों का जल्द निदान किया जाना चाहिए.’ बच्चों के साथ भावनात्मक रूप से जुड़कर व्यवहार करें. उन्होंने कहा कि जिला पालकमंत्री संजय राठोड ने तुरंत जिला आपातकालीन हस्तक्षेप केंद्र के लिए धन मुहैया कराया और भवन बहुत कम समय में चालू हो गया. मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. पंचाल ने कहा, ‘अगर बीमारी का जल्द निदान किया जाता है, तो उपचार जल्दी और अच्छा होता है.’ डॉक्टरों को मैदान में रहना चाहिए और काम करना चाहिए. हम निश्चित रूप से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जिले में बेहतर काम करेंगे, उन्होंने आश्वासन दिया. इसलिए बच्चे की शारीरिक ऊंचाई के साथ-साथ भावनात्मक और बौद्धिक ऊंचाई बढ़ाई जानी चाहिए. अभिभावक मंत्री की पहल से स्वास्थ्य विभाग में भौतिक सुविधाएं शीघ्रता से पूरी हो रही हैं, यह बात जिला पुलिस अधीक्षक डा. भुजबल ने कहा.

इससे पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस और बालासाहेब ठाकरे का अभिनंदन किया गया और कार्यक्रम की शुरुआत दीपों की रोशनी से हुई. कॉलेज ऑफ नर्सिंग के छात्रों ने कोविड के निवारक टीकाकरण पर एक नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन किया. इस अवसर पर अभिभावक मंत्री ने भवन में बाल रोग, दंत चिकित्सा, बधिरता विभाग, परीक्षा और उपचार केंद्र, मानसिक विकास परीक्षा उपचार केंद्र, फिजियोथेरेपी सेंटर आदि का निरीक्षण कर अपनी संतुष्टि व्यक्त की.

कार्यक्रम का प्रास्ताविक जिला सर्जन डा. तरंगतुषार वारे द्वारा किया गया. संचालन डा. प्राची उज्जैन ने किया तो आभार डा. सुबोध तिखवे ने माना. इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कार्यकारी प्रबंधक डॉ. डॉ. प्रीति गजभिये, निवासी चिकित्सा अधिकारी जिला आपातकालीन हस्तक्षेप केंद्र के सभी डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और अन्य कर्मचारियों के साथ मनोज तगाडल्लेवार मौजूद थे.