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  • निराधारों का आधार खतरे में,अपात्र के नाम जोडने का आरोप,

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वणी. नेत्रहीन, विकलांग, विधवा तथा वरिष्ठ नागरिकों के लिए राज्य सरकार द्वारा संजय गांधी निराधार अनुदान योजना लागू की गई है. इस योजना के तहत समाज में वंचित लोगो को वित्तीय सहायता के साथ-साथ अन्य प्रकार की सहायता प्रदान की जाती है. किंतु कोरोना के संकटकाल मे निराश्रितों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड रहा है. निराश्रित, विकलांग और बुजुर्गो के लिए सरकारी योजना का लाभ उठाने के लिए जो जरूरी दस्तावेज देना होता है वे दस्तावेज पूरे नही हो पाते. जिससे कई जरूरतमंद लोगो को इस योजना का लाभ नही मिल पा रहा है.

योजना से वंचित लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार गरीब वर्ग के लिए चला रही योजनाओं का लाभ जरूरतमंदो तक पहुंचाने की बजाए अपात्र लाभार्थियों को पहुंचाकर सरकारी तिजोरी को चूना लगाया जा रहा है. लोगों ने यह भी बताया कि सूची में पूरी तरह से पारदर्शिता नही बरती गई है. था जरूरतमंदो को इसका लाभ नही मिल रहा.

सूची मे कई नाम ऐसे है जो कि संपन्न परिवार के है. उनके पक्के मकान है. ऐसे मे पात्र परिवार योजना के लाभ से वंचित है. इस बारे मे प्राप्त जानकारी के तहत सूक्ष्म जांच पडताल करने पर अपात्र लाभार्थियों का फर्जीवाडा सामने आ सकता है. शायद इसीलिए अब तहसील प्रशासन व्दारा अपात्र लाभार्थियों से मदद राशि वसूलने की नोटिस भी दी जा रही है. योजना में पात्र परिवारों के चयन को लेकर कई लोगों में नाराजगी है. इसलिए दोबारा सर्वे करने की मांग की जा रही है.