यवतमाल. कोरोना मरीजों के पंजीयन के दौरान गलत जानकारी देने के कारण बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की सर्वे टीम को यवतमाल के दारव्हा नाके पर स्थित एक नगर में संक्रमित को ढूंढते समय पसीने छूट गए. आखिरकार वह संक्रमित उमरखेड का निवासी निकला. इसी तरह जिले में कोरोना मरीजों के पंजीयन में बड़े पैमाने पर धांधली होने के कई मामले उजागार हुए हैं.
प्राप्त जानकारी के अनुसार संबंधित व्यक्ति के 6 दिन पहले थ्रोट स्वैब के नमूने जांच के लिए भेजे गए थे, जिसकी रिपोर्ट मंगलवार की रात मिली. वह पॉजिटिव पाया गया. स्वास्थ्य विभाग की टीम बुधवार को उसको अस्पताल में भर्ती कराने के लिए उसके दिए हुए पते पर पहुंची थी, लेकिन उसे ढूंढने के लिए सुबह से शाम हो गई, परंतु उसका कहीं पता नहीं चल पाया.
पाजिटिव व्यक्ति उमरखेड़ निवासी
आखिरकार वह संक्रमित उमरखेड़ का निवासी निकला. इसी तरह कोरोना पंजीयन में अनेक मरीजों ने गलत जानकारी दर्ज करायी है, जिससे सर्वे टीम को संबंधित मरीजों को ढूंढने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. इधर, संक्रमितों का समय पर पता नहीं चलने सें संक्रमण फैलने का खतरा और अधिक बढ़ गया है.