कार्तिक पूर्णिमा के मेले रद्द होने से श्रद्धालुओं में नाराजगी

  • बरसों चलते आ रहीं परंपरा खंडित

Loading

यवतमाल. कोरोना महामारी के कारण सरकार ने सभी तरफ प्रतिबंध लगाए हुए है. जिसका असर कार्तिक पूर्णिमा के कार्यक्रमों तथा मेलों पर पड गया है. यवतमाल जिले में कार्तिक पूर्णिमा का उत्साह बडे श्रद्धापूर्ण भाव से मनाया जाता है. इस दिन यवतमाल समिप खटेश्वर मंदिर में भागवत सप्ताह, दही हांडी तथा हजारों की संख्या में मेले का आयोजन होता है. लेकिन इस वर्ष इस बरसो पुराणी परंपरा कोरोना की वजह से खंडित हो गई. जिसके चलते श्रद्धालूओं में नाराजी दिखाई दे रही है.

नेर तहसील माणिकवाडा एवं वटफली का महाप्रसाद रद्द, नेर तहसील के धनज माणिकवाडा इस गांव में फकीरजी महाराज संस्थान में कार्तिक पूर्णिमा का उत्सव बडे धुमधाम से मनाया जाता है. यहां का महाप्रसाद बडा लोकप्रिय तथा प्रचलीत है. सैकडों हांडियों में यहां का महाप्रसाद बनाया जाता है. जिसमें ज्वार की रोटी और सभी तरह की सब्जियों को मिलाकर एक ही सब्जी बनाई जाती है तथा ज्वार की कन्या का समावेश है. इसका लाभ प्रतिवर्ष जिले के तथा जिले के बहार के श्रद्धालू लेते है. 1 दिसंबर को मनाए जानेवाला यह कार्यक्रम संस्थान में रद्द किया है और श्रद्धालूओं को मंदिर में भीड ना करने की अपील की है. नेर तहसील के ही ग्राम वटफली में कार्तिक पूर्णिमा का उत्सव भैरवनाथ देवस्थान में मनाया जाता है. विविध कार्यक्रम का आयोजन करके शाम को सभी गांव के लोगों को महाप्रसाद का वितरण किया जाता है, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इस वर्ष सैकडों वर्ष से चली आ रहीं परंपरा इस वर्ष खंडित हो गई. देवस्थान में महाप्रसाद का कार्यक्रम रद्द किया है.

कार्तिकी पूर्णिमा को दिंडीयों का नहीं होगा भव्य आयोजन, दारव्हा में कार्तिकी पूर्णिमा पर शहर में दिंडीयों की कई वर्षों से परंपरा चली आ रही है. शहर के श्रीराम मंदिर, श्रीकृष्ण मंदिर, लाला महाराज मंदिर, विट्ठल मंदिर, नातूवाडी का हनुमान मंदिर, तिलकवाडी का अंबादेवी मंदिर, मल्लिकार्जुन मंदिर, मुंगसाजी महाराज मंदिर, गजानन महाराज मंदिर, सोपीनाथ महाराज मंदिर आदि स्थानों से दिंडीयां निकलती है, इन सभी दिडियों की समाप्ति त्रिपुरारी पूर्णिमा याने कार्तिक पूर्णिमा को होकर उसी दिन दोपहर दिंडीया निकलती थी. लेकिन कोरोना महामारी की वजह से सभी आयोजन रद्द कर देने से श्रद्धालूओं का उत्साह कम हो गया है.

मंदिर में संस्थान के पदाधिकारियों द्वारा सरकारी नियमों का पालन कर काकड आरती हो रही है. दारव्हा के सोपीनाथ महाराज मंदिर में काकड आरती, दारव्हा के अंबिका नगर परिसर में स्थित श्री सोपीनाथ महाराज मंदिर में काकड आरती चल रही है. तडके मंदिर में चल रहें काकड आरती से परिसर में उत्साह का माहौल बन गया है. परिसर में हरिनाम जाप चल रहा है. विणेकरी कुबेटकर महाराज, मृदंग वादक, वारकरी तहसील प्रचार प्रमुख राजेंद्र महाराज आकोटकर, शिवदास माहुरकर, लाला भंडारी, गिरीश कल्याणकर प्रयासरत है.

मुकुटबन में कार्तिक एकादशी को विट्ठल की महापूजा, मुकुटबन के तालाब के समिप विट्ठल-रुक्मिणी मंदिर में कार्तिकी एकादशी के दिन विट्ठल की महापूजा करके अभिषेक किया गया. इस समय मंदिर के अध्यक्ष भूमना एनगंटीवार, प्रकाश गोंगलवार, गजानन अक्केवार, देविदास येनगंटीवार, राजेश ताडशेट्टिवार, उमेश उदकवार, संजय आकीनवार, रमेश मंदावार आदि उपस्थित थे.