Bhavna Gawali

  • फसल बिमा कंपनीयों के नफा नुकसान पर उध्दव ठाकरे ने खिंचा प्रधानमंत्री का ध्यान

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यवतमाल. फसल बिमा कंपनीयां हर वर्ष राज्य तथा केंद्र सरकार उसी तरह कीसानों से फसल बिमा के रुप में करोडों रुपए जमा करती है, लेकीन वास्तविक मदद देते समय यह कंपनीयों अनेक कडी शर्तें रखकर कीसानों को मदद से वंचित रखती है. हर वर्ष कीसानों को यह अनुभव आने से सांसद भावना गवली ने फसलबिमा कंपनीयों के मुनाफे और नुकसान का पैमाना निश्चत करने अथवा फसल बिमा योजना खुद राज्य या केंद्र सरकार द्वारा चलाने की मांग की थी. इस मांग के बाद हाल ही में हुई निती आयोग की बैठक में फसल बिमा कंपनीयों के मुनाफे और नुकसान मुआवजा के संदर्भ में पैमाना निश्चित करना जरुरी होने की मांग महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे ने की है.सांसद भावना गवली ने फसल बिमा कंपनी के संदर्भ कीए गए प्रयासों पर राज्य सरकार ने गंभीरता दिखाने से कीसानों में समाधान जताया जा रहा है.

ज्ञात रहे की, इस वर्ष अतिवृष्टी के कारण यवतमाल जिले के कीसानों का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ है. एैसी हालत में फसल बिमा कंपनीयों ने उंगलीयों पर गिनने लायक कीसानों को फसल बिमा दिया है. जिससे कीसानों को न्याय दिलवाने के लिए सांसद गवली ने कुछ समय ही आंदोलन कीया था,जिससे उनके खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कीया गया था. यवतमाल जिला ही नही बल्की पुरे राज्य में कीसानों पर कोरोना के साथ साथ अतिवृष्टी का संकट टूट पडा था.

भारी बारिश ने कीसानों के लाखों हेक्टेयर क्षेत्र की जमीन पर उगे सोयाबीन, कपास, ज्वार, तुअर समेत अन्य फसलों का नुकसान कीया. प्राकृतीक आपदा आने से आर्थिक मदद मिलें, इसके लिए यवतमाल जिले के 4 लाख 67 हजार 21 कीसानों ने प्रधानमंत्री फसल बिमा निकाला था. इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार तथा कीसानों ने ईफको टोकीया बिमा कंपनी के पास 167 करोड रुपयों की बिमा कीश्तें भरी थी. पुरे जिले में कीसानों का बडे पैमाने पर नुकसान होने के बावजुद बिमा कंपनीयों ने केवल ऑनलाईन उसी तरह ऑफलाइ्रन आवेदन करनेवाले सिर्फ 9 हजार 776 कीसानों को ही फसल बिमा का लाभ दिया.

जिससे आखिरकार बिमा कंपनीयों की अडियल निती के खिलाफ फसल बिमा योजना खुद राज्य उसी तरह केंद्र सरकार द्वारा चलाने के पिछे सांसद गवली का यह तर्क था की यह कंपनीयों केवल मुनाफा कमाने का ही उददेश्य रख रही है. जिससे नफा नुकसान का तालमेल रखकर इसका पैमाना तय करना जरुरी होने की मांग राज्य और केंद्र सरकार से सांसद भावना गवली ने की थी,अब यही मांग मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे ने निति आयोग की बैठक में रखी है, जिससे मुख्यमंत्री और सांसद गवली द्वारा कीए जा रहे प्रयासों से कीसानों को राहत मिलने की उम्मीद जतायी जा रही है.

नियमावली जरुरी

फसल बिमा कंपनीया हर वर्ष प्रिमीयम के तौर पर सरकार और कीसानों से करोडो रुपये जमा कर इसे हडप कर जाती है, इस वर्ष भी लाखों कीसानों को नुकसान के बावजुद मदद नही दी गयी.कीसानों के दुख से इन कंपनीयों को कोई लेना देना नही है, जिससे इन बिमा कंपनीयों को अब सबक सिखाना जरुरी हो चुका है.कीसानों को बीमा न मिलने की स्थिती में अब फसल बिमा योजना खुद राज्य अथवा केंद्र सरकार चलाएं और कंपनीयों के नफा नुकसान का पैमाना ठहराने की मांग की थी, इस बारे में राज्य सरकार सकारात्मक प्रयास कर रही है, केंद्र सरकार ने भी इस मुददे पर तात्काल निर्णय लेना जरुरी है.

-भावना गवळी, सांसद यवतमाल-वाशिम.