Cotton
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उमरखेड़. तहसील में कपास उत्पादक अक्टूबर से बाजार समिति के पास पंजीकृत हैं. इस स्थान पर जिनिंग प्रेसिंग इंस्टीट्यूट और मार्केट कमेटी ने यवतमाल मार्केटिंग फेडरेशन के मंडल प्रबंधक को समय-समय पर मांग करने के बावजूद अभी तक कपास खरीदी केंद्र शुरू नहीं किया है.

परिणामस्वरूप किसान तेजी से कमजोर हो गए हैं. अब संग्रहित कपास रोग की घटनाओं में वृद्धि हुई प्रतीत होती है. लगातार तीन महीनों से किसान विपणन को कपास बेचने के लिए घर पर कपास का भंडारण कर रहे हैं. परिणामस्वरूप, संग्रहित कपास संक्रमित हो गया है और परिवार के सदस्यों की शारीरिक बीमारी बढ़ गई है.

खुजली, सुन्नता, शरीर में सूजन और त्वचा रोगों में वृद्धि ने इसे सब असहाय बना दिया. चिल्ली (ज.) के एक किसान मधुकर आडे ने रविवार से बाजार समिति के परिसर में कपास से भरा वाहन लाया, क्योंकि कर्ज और बेटी का विवाह रुक गया था. जब तक केंद्र शुरू नहीं किया जाता है, तब तक यार्ड में खड़े वाहनों को वापस नहीं लिया जाएगा, यह उत्तेजित किसान द्वारा निभाई गई भूमिका है. जिससे बाजार समिति व जिनिंग प्रेसिंग संस्था प्रशासन पर तनाव बढ़ गया है.

कपास उत्पादक किसान बाजार समिति में आकर बिनती कर थक चुके हैं. विपणन महासंघ इस मामले में गंभीर नहीं है लेकिन किसानों का बुरा हाल है क्योंकि कागजी कार्रवाई एक शॉपिंग सेंटर शुरू करने के लिए एक बाधा है. टोकन पंजीकृत करने वाले किसानों ने अपना रोष जताया.