नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Agriculture Bill) के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा बनाई गई समिति (Committee) पर राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस (Congress) पार्टी ने समिति पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है। पार्टी प्रवक्ता जयवीर शेरगिल (Jaiveer Shergil) ने ट्वीट करते हुए लिखा, “सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई समिति के चार सदस्यों में से तीन सदस्य अशोक गुलाटी, पीके जोशी और अनिल गणवत तीनों कृषि कानूनों को ख़त्म नहीं करने का समर्थन कर चुके हैं। किसानों के लिए समिति में विश्वास रखना कठिन होगा जिसमें अधिकांश सदस्यों के पास इस मुद्दे पर एक अलग दृष्टिकोण है।”
Out of 4 members selected by Hon’ble SC- 3 (Ashok Gulati, PK Joshi & Anil Ganwat) have openly expressed their view against withdrawal of farm laws-It will be tough for farmers to have faith in committee wherein majority of members have a divergent view from them on this issue https://t.co/gW2LxukIDY
— Jaiveer Shergill (@JaiveerShergill) January 12, 2021
ज्ञात हो कि, सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों के विरोध में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए तीनों कानूनों को अस्थाई रोक लगा दी है। इसी के साथ कोर्ट ने कानून को लेकर जमीनी हकीक़त जानने के लिए कृषि अर्थ शास्त्री अशोक गुलाटी की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति बनाने का ऐलान किया है। इसी के साथ अदालत ने बीकेयू के अध्यक्ष जीतेंद्र सिंह मान, अंतरराष्ट्रीय नीति प्रमुख डॉ. प्रमोद कुमार जोशी और महाराष्ट्र शेतकरी संगठन के अनिल गणवत को सदस्य बनाया है। समिति जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट कोर्ट को देगी।
कोर्ट के निर्णय से निराश
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर किसान संगठनों ने निराशा जताई है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, “माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित कमेटी के सभी सदस्य खुली बाजार व्यवस्था या कानून के समर्थक रहे है। अशोक गुलाटी की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने ही इन कानून को लाये जाने की सिफारिश की थी। देश का किसान इस फैसले से निराश है।”
माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित कमेटी के सभी सदस्य खुली बाजार व्यवस्था या कानून के समर्थक रहे है। अशोक गुलाटी की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने ही इन कानून को लाये जाने की सिफारिश की थी। देश का किसान इस फैसले से निराश है।#FarmersProtestDelhi2020 @ANI @PTI_News pic.twitter.com/nECRjV2oJw
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) January 12, 2021
उन्होंने आगे कहा, “किसानों का मांग कानून को रद्द करने व न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाने की है। जब तक यह मांग पूरी नही होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का परीक्षण कर कल संयुक्त मोर्चा आगे की रणनीति की घोषणा करेगा।”
कोर्ट के निर्णय का स्वागत
एनसीपी प्रमुख और पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा, “यह किसानों के लिए एक बड़ी राहत है और मुझे उम्मीद है कि केंद्र सरकार और किसानों के बीच एक ठोस बातचीत शुरू की जाएगी, जो कि पारिवारिक हितों और कल्याण को ध्यान में रखते हुए होगी।”
उन्होंने कहा, “भारत के शीर्ष न्यायालय द्वारा तीन कृषि बिलों के क्रियान्वयन पर रोक लगाने और मुद्दों को हल करने के लिए चार सदस्यीय समिति गठित करने का एक स्वागत योग्य निर्णय।”
A welcome decision taken by the Apex Court of India to put on hold the implementation of three farm bills and set up a four member committee to resolve the issues. #SupremeCourt #FarmLaws
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) January 12, 2021